ओबीसी वोट बैंक को साधने की तैयारी, कांग्रेस ने गठित की 24 नेताओं वाली एडवाइजरी काउंसिल
जितेंद्र बघेल को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अब ओबीसी वोट बैंक को साधने की तैयारी में है। कांग्रेस ने सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को संगठित करने और उनकी राजनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल का गठन किया है। इस काउंसिल में पार्टी के 24 वरिष्ठ और प्रभावशाली नेताओं को शामिल किया गया है।
इस काउंसिल में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी अहम भूमिका दी गई है।
ओबीसी विभाग के चेयरमैन अनिल जयहिंद को काउंसिल का कन्वेनर नियुक्त किया गया है, जबकि जितेंद्र बघेल को सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जल्द ही काउंसिल की एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की जाएगी, जिसमें ओबीसी समुदाय से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से रणनीति तय की जाएगी।
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ओबीसी एडवाइजरी काउंसिल में शामिल प्रमुख नेता:
सिद्धारमैया – मुख्यमंत्री, कर्नाटक
अशोक गहलोत – पूर्व मुख्यमंत्री, राजस्थान
भूपेश बघेल – पूर्व मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
सचिन पायलट
बी. के. हरिप्रसाद
गुरदीप सप्पल
अरुण यादव
नारायणस्वामी
अमित चावड़ा
महेश गौड़
वीरप्पा मोइली
पूनम प्रभाकर
श्रीकांत जेना
अजय कुमार लल्लू
सुभाषिनी यादव
एस. ज्योतिमनी
विजय वेट्टीवार
धर्मेंद्र साहू
हिना कावरे
अदूर प्रकाश
बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को साधना एक रणनीतिक रूप से अहम कदम साबित हो सकता है। राज्य की राजनीति में ओबीसी समुदाय की भूमिका बेहद निर्णायक रही है। हालांकि, बीते वर्षों में कांग्रेस इस वर्ग से काफी हद तक कट चुकी है। अब पार्टी लगातार प्रयासरत है कि वह इस वर्ग में अपनी खोई हुई पकड़ को दोबारा मजबूत कर सके।