फरीदाबाद में अस्पताल के लिए अवैध रोड की तैयारी
Faridabad SSB Hospital: औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में एक आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। यहां अजरौंदा चौक के पास चल रहे एक एसएसबी अस्पताल को लाभ पहुंचाने के लिए उसके तीन तरफ सड़क बनाने के लिए पटकथा रची गई है। हैरानी की बात यह है कि यह पटकथा रचने वाला कोई और नहीं बल्कि एसएसबी अस्पताल के सीएमडी डा. एसएस बंसल हैं। जिन्होंने एफएमडीए के मनोनीत सदस्य होते हुए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने ही अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए उसके तीनों तरफ सड़क की पटकथा तैयार कर दी है।

प्रशासन को गुमराह कर रहा अस्पताल
इतना ही नहीं इस पटकथा में शासन व प्रशासन को गुमराह करते हुए यह भी बताया गया कि अजरौंदा चौक पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए उनके निजी अस्पताल के तीनों तरफ सड़क बना दी जाए, जबकि उनके अस्पताल के तीनों तरफ सड़क बनाने से अजरौंदा के जाम का कोई लेना- देना दूर-दूर तक नहीं है। हैरानी की बात यह भी है कि डा. एसएस बंसल अपने अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए संबंधित विभागों को ग्रीन बैल्ट पर निर्माण के लिए एनजीटी का उल्लंघन करने की भी सिफारिश कर रहे हैं।

ट्रैफिक पुलिस से जारी करवाया पत्र
4 मई 2025 को मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखे गए एक पत्र में डा. एसएस बंसल ने स्वयं को एफएमडीए का एक्सपर्ट सदस्य बताते हुए लिखा कि उनके अस्पताल के तीनों तरफ सड़क बना दी जाए। इतना ही नहीं इस सड़क की आवश्यकता के लिए बकायदा ट्रैफिक पुलिस से भी एक पत्र जारी करवाया गया जोकि 18 दिसम्बर 2023 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को प्राप्त हुआ। अस्पताल के तीनों तरफ सड़क निर्माण में केवल और केवल यदि किसी को फायदा है तो वह अस्पताल को है क्योंकि वर्तमान में भी इस स्थान का प्रयोग अस्पताल में आने वाले लोग या कर्मचारी अवैध पार्किंग के रूप में कर रहे हैं। इसलिए यह पार्किंग अस्पताल को सड़क के रूप में लगातार मिलती रहे, इस उद्देश्य से अस्पताल के तीनों तरफ सड़क बनाने की तैयारी एक सोची-समझी रणनीति के तहत की गई है। हालांकि इस अवैध कार्य का सिरे चढ़ना लगभग नामुमकिन है क्योंकि डा. बंसल जहां सड़क बनाने की सिफारिश कर रहे हैं वह किसी का निजी प्लॉट है।

अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला
इस सारे मामले में अधिकारियों के पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन सभी अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह मामला काफी पुराना है। एक निजी अस्पताल को सरकारी खर्च पर लाभ देकर सड़क बनाने की योजना किसने तैयार की और कौन-कौन से विभाग के अधिकारी इसमें संलिप्त हैं, इस बारे में विस्तार से रिपोर्ट मांगी गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मामले में सरकार को गुमराह करने के आरोप में कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
अजरौंदा चौक के ट्रैफिक से क्यों जोड़ा जबकि अजरौंदा चौक के ट्रैफिक का इस सड़क से कोई लेना-देना नहीं है। इतना ही नहीं जांच का विषय यह भी है कि कौन-कौन से विभागों ने किस आधार पर या किसके कहने पर इस अवैध सड़क को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को दी।
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