देशवासियों को बांटने, संविधान को कमजोर करने की हो रही साजिश : सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई देते हुए देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि इन सभी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए देश को धर्म, भाषा और प्रदेशवाद के नाम पर बांटने की साजिश की जा रही है।
03:51 PM Jan 25, 2020 IST | Shera Rajput
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को बधाई देते हुए देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि इन सभी मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए देश को धर्म, भाषा और प्रदेशवाद के नाम पर बांटने की साजिश की जा रही है।
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पार्टी की ओर से जारी संदेश में श्रीमती गांधी ने कहा ‘‘आर्थिक बदइंतजामी, प्रशासनिक दिवालियापन, बेतहाशा महंगाई, चौतरफा मंदी, असहनीय बेरोजगारी जैसी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए देशावासियों को धर्म-मजहब, इलाकावाद और भाषा के आधार पर बांटने तथा संविधान को कमजोर करने की साजिश की जा रही है।
देश में अप्रत्याशित तौर से अशांति, भय और असुरक्षा का वातावरण पैदा किया गया है। आम नागरिक महसूस कर रहा है कि मौजूदा शासन के हाथों में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं।’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आज देश के संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर षडयंत्रकारी हमला बोला जा रहा है।
संवैधानिक मान्यताओं पर संस्थागत तौर से अतिक्रमण किया जा रहा है और संवैधानिक संस्थाओं को व्यक्तिगत निरंकुशता की बलि चढ़या जा रहा है। ऐसे में संविधान की रक्षा के लिए एकजुट खड़ हो जाना हर देशवासी का कर्तव्य है।
देश की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि आज खेती और किसान बर्बादी की कगार पर खड़ हैं। देश का भविष्य – देश का नौजवान – रोजगार और सम्मान के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। मंदी और तालाबंदी के चलते देश के छोटे व्यवसायी और दुकानदार असहाय महसूस कर रहे हैं।
श्रीमती गांधी ने कहा ‘‘अर्थव्यवस्था बदहाल है, आर्थिक प्रगति चौपट है और व्यापारिक मंदी हर पायदान पर दस्तक दे रही है और आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति पर सरकारी तंत्र का दमनचक्र चलाया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि 71वां गणतंत्र दिवस भारत के महान संविधान में निहित मूल्यों और सिद्धांतों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने तथा उन्हें अक्षरश: लागू करने का संकल्प निभाने का दिन भी है। आज संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है।
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