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अनुबंधित कर्मचारियों ने हड़ताल का किया ऐलान, CM मान के आवास का करेंगे घेराव

अनुबंधित कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 3 दिन तक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

09:00 AM Jan 05, 2025 IST | Rahul Kumar Rawat

अनुबंधित कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 3 दिन तक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।

पंजाब के अनुबंधित कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिन तक हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। इन कर्मचारियों ने सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने और उन्हें उचित सम्मान नहीं देने का आरोप लगाया है। पंजाब रोडवेज, पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी एसोसिएशन के चंडीगढ़ डिपो के प्रधान गुरप्रीत सिंह ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि तीन दिनों तक लगभग तीन हजार बसों का चक्का जाम रहेगा।

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अनुबंधित कर्मचारियों की कई मांगें

गुरप्रीत सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करना और 10 हजार नई बसों को रोडवेज के बेड़े में शामिल करना शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो 7 जनवरी को वह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव करेंगे। इसके बाद भी अगर उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तब वह दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव करने का फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि 8 महीने पहले मुख्यमंत्री ने एक बैठक में इन मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है।

कर्मचारियों ने पंजाब सरकार का किया घेराव

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार प्राइवेट बसों का संचालन कर रही है, जिसमें पीआरटीसी के कर्मचारियों को काम पर रखा जा रहा है जबकि रोडवेज कर्मचारियों को अनदेखा किया जा रहा है। पंजाब सरकार और उनके मंत्रियों का ध्यान केवल पैसे कमाने पर है, इसलिए किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसों को चलाया जा रहा है। गुरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि पंजाब रोडवेज के अनुबंधित कर्मचारी अपनी हड़ताल के दौरान आम लोगों से माफी मांगते हैं, लेकिन यह कदम सरकार की उपेक्षा और असंवेदनशीलता के कारण उठाना पड़ा है। उनका कहना था कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वह संघर्ष को और तेज करेंगे और अपने अधिकारों के लिए आखिरी तक लड़ेंगे।

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