मूर्तियों को अपवित्र करने से आंध्रप्रदेश में विवाद
आंध्रप्रदेश में कुछ मंदिरों में मूर्तियों को अपवित्र करने की घटना से राज्य में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है। कुछ विपक्षी दलों ने वाई एस जगनमोहन रेड्डी सरकार पर बरसते हुए उसे इन हमलों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है।
12:11 AM Jan 03, 2021 IST | Shera Rajput
आंध्रप्रदेश में कुछ मंदिरों में मूर्तियों को अपवित्र करने की घटना से राज्य में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है। कुछ विपक्षी दलों ने वाई एस जगनमोहन रेड्डी सरकार पर बरसते हुए उसे इन हमलों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया है।
इस पर पलटवार करते हुए सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं ने तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू पर सरकार के खिलाफ द्वेष फैलाने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है।
विजयनगरम जिले के प्रसिद्ध रामतीर्थम पहाड़ी मंदिर में 28 दिसंबर की रात भगवान राम की मूर्ति को विरूपित किया गया।
इसके दो दिनों बाद राजामहेंद्रवरम में एक मंदिर में सुब्रह्मणेश्वर स्वामी की मूर्ति के हाथ और पैर टूटे हुए पाए गए।
इन दो घटनाओं से राज्य में विवाद पैदा हो गया और विपक्षी दलों ने मंदिरों की रक्षा करने में विफल रहने के लिए सरकार पर प्रहार किया।
विपक्ष के कुछ नेताओं ने दावा किया कि जगन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के विभिन्न मंदिरों में तोड़फोड़ और मूर्तियों को विरूपित करने की 125 से अधिक घटनाएं हुई हैं।
चंद्रबाबू ने शनिवार को रामतीर्थम का दौरा किया और सरकार से मंदिर में तोड़फोड़ की सीबीआई जांच कराने की मांग की । उन्होंने धर्म परिवर्तन का आरोप भी लगाया।
सत्तारूढ़ दल के राज्यसभा के सदस्य वी.विजय साई रेड्डी ने भी मंदिर का दौरा किया जबकि भाजपा के विधान परिषद् के सदस्य वी एन माधव ने एक अन्य समूह के साथ घटनास्थल पर जाकर जांच की।
राज्य सरकार ने इसी से जुड़े एक कदम के तहत पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. अशोक गजपति राजू को रामतीर्थम मंदिर के अध्यक्ष पद से हटा दिया और आरोप लगाया कि वह अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहे और मंदिर की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं कर पाए।
धर्मादा मंत्री वी.श्रीनिवास ने यहां वाईएसआरसी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय मंत्री पर प्रहार किया और आरोप लगाया कि भगवान राम की मूर्ति इसलिए विरूपित की गई ताकि राज्य सरकार को अस्थिर किया जा सके।
मंदिरों को अपवित्र करने पर भाजपा, जन सेना और कांग्रेस ने भी सरकार की खिंचाई की और इस तरह के मामलों में दोषियों पर कार्रवाई करने में ‘‘विफल’’ रहने के लिए सरकार की आलोचना की।
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