हरियाणा में नए मुख्य सूचना आयुक्त और आयुक्तों की नियुक्ति पर विवाद
सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से हरियाणा में राजनीतिक हलचल
हरियाणा राज्य सूचना आयोग में नए मुख्य सूचना आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद और पांच नए आयुक्तों की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है। विशेष रूप से नीता खेड़ा की नियुक्ति को लेकर प्रश्न उठाए जा रहे हैं, क्योंकि वह पूर्व HPSC सदस्य रही हैं। संविधान के अनुच्छेद 319 (D) के अनुसार, ऐसे पद पर नियुक्ति अवैध हो सकती है।
हरियाणा राज्य सूचना आयोग में सोमवार को बड़ा फेरबदल देखने को मिलेगा। नव नियुक्त मुख्य सूचना आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद और पांच नए राज्य सूचना आयुक्तों को आज शाम 5 बजे हरियाणा राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी। इस कार्यक्रम से पहले ही टीवीएसएन प्रसाद की नियुक्ति संबंधी आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकार ने उन्हें पूर्व मुख्य सचिवों की तरह ही एक वरिष्ठ पद पर समायोजित किया है। हालांकि इस नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं, खासकर कुछ सूचना आयुक्तों की पात्रता और नियुक्तियों की वैधता पर।
उच्च वेतन और सरकारी सुविधाएं, कार्यकाल तीन साल का
मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों को सरकार की ओर से लगभग ₹2.25 लाख मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अतिरिक्त उन्हें सरकारी आवास, वाहन और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। सूचना आयोग में अधिकतम 10 आयुक्त नियुक्त हो सकते हैं, लेकिन अभी भी दो पद खाली हैं। 14 रिटायर्ड और वर्तमान में कार्यरत आईएएस अधिकारियों समेत करीब 350 लोगों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था। वर्ष 2019 से पहले इन पदों का कार्यकाल 5 साल था, जिसे अब घटाकर 3 साल कर दिया गया है या आयु सीमा 65 वर्ष तक सीमित कर दी गई है।
नियुक्तियों पर उठा विवाद, दो आयुक्त पहले रह चुके हैं HPSC के सदस्य
हाल ही में सरकार द्वारा जिन पांच राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की गई है, उनमें कई नामों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इनमें अमरजीत सिंह (सेवानिवृत्त HCS अधिकारी), कर्मवीर सिंह सैनी (पूर्व कांग्रेसी नेता), संजय मदान (हरियाणा टैक्स बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष), नीता खेड़ा (पूर्व HPSC सदस्य) और प्रियंका धूपड़ (भाजपा जिलाध्यक्ष की बेटी) शामिल हैं। इनमें नीता खेड़ा की नियुक्ति विशेष रूप से विवादों में है क्योंकि वह अगस्त 2016 से अगस्त 2022 तक हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की सदस्य रह चुकी हैं। संविधान के अनुच्छेद 319 (D) के अनुसार, HPSC के पूर्व सदस्य को राज्य सरकार के अधीन किसी वैधानिक पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
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कानूनी जानकारों की राय
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के अधिवक्ता और संवैधानिक मामलों के जानकार हेमंत कुमार ने इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई है। उनके अनुसार, सूचना आयुक्त का पद एक वैधानिक पद है जो सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत आता है। अनुच्छेद 319 (D) स्पष्ट रूप से कहता है कि राज्य लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य को इस प्रकार के किसी भी वैधानिक पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। यदि किसी नागरिक या संगठन द्वारा नीता खेड़ा और पहले से कार्यरत कुलबीर छिकारा (जिन्हें अप्रैल 2023 में सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया था) की नियुक्ति को अदालत में चुनौती दी जाती है, तो हाई कोर्ट इन नियुक्तियों को रद्द भी कर सकता है।