कॉमेडियन Kunal Kamra की पैरोडी वीडियो पर विवाद, FIR और समन जारी
पैरोडी वीडियो पर कुणाल कामरा के खिलाफ FIR, विवाद बढ़ा
भारत के चर्चित स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा अपने पैरोडी सॉन्ग लेकर विवादों में चल रहे हैं बता दे , बुधवार को कुणाल ने एक नया वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा है। कुणाल ने गाने में कहा कि “साड़ी वाली दीदी लोगों की सैलरी लूटने आई हैं, और उनका नाम निर्मला ताई है।” उनके इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है और राजनीतिक में चर्चा का विषय बन गया है।
कुणाल के इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है और राजनीतिक में चर्चा का विषय बन गया है। ये वीडियो उनके तीन वीडियो में से एक है, जो उन्होंने हाल ही में पोस्ट किए थे। इससे पहले, 22 मार्च को, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष करते हुए ‘दिल तो पागल है’ फिल्म के एक गाने की पैरोडी बनाई थी। इस गाने में शिंदे को गद्दार करार दिया गया था। इस वीडियो के बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और उस होटल में तोड़फोड़ की, जहां ये शो रिकॉर्ड किया गया था। इस घटना के बाद कुणाल पर FIR दर्ज की गई थी, और अब मुंबई पुलिस ने उन्हें दूसरा समन भेजा है क्योंकि वे पहले समन पर पेश नहीं हुए थे।
इस मामले को लेकर कुणाल के वकील ने 7 दिन का वक्त मांगा था, लेकिन पुलिस ने समय देने से इंकार कर दिया। इसी के साथ ही मुंबई पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और अब कुणाल को समन भेजा है। इससे पहले, जब 25 मार्च को कुणाल ने सोशल मीडिया पर एक और पैरोडी सॉन्ग पोस्ट किया था, तो उसमें ‘हम होंगे कामयाब’ के प्रसिद्ध गाने की लाइन को बदलकर ‘हम होंगे कंगाल एक दिन’ कर दिया। इस गाने के माध्यम से उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर व्यंग्य किया था। शिवसेना गुट का आरोप है कि कुणाल कामरा की पैरोडी वीडियो में डिप्टी CM एकनाथ शिंदे का मजाक उड़ाया गया था। वीडियो में शिंदे के लुक को उनके गुवाहाटी जाने और शिवसेना से बगावत करने के संदर्भ में दिखाया गया था, जो कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं को आपत्तिजनक लगा।
शिवसेना कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद रविवार रात को यूनीकॉन्टिनेंटल होटल में तोड़फोड़ की गई। इस तोड़फोड़ में 40 शिवसैनिकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश की जा रही है। इस वीडियो के कारण मचे विवाद ने कई राजनीतिक और समाजिक मुद्दों को जन्म दिया है। जहां कुछ लोग उन्हें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रतीक मानते हैं, तो वहीं कुछ लोग इसे अपमानजनक और गैर जिम्मेदाराना मानते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आलोचना और पैरोडी की सीमा होती है या यह एक स्वस्थ लोकतंत्र में स्वतंत्रता का हिस्सा है।
कुणाल कामरा के इस तरह के वीडियो के बाद से यह भी स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया और स्टैंडअप कॉमेडी के जरिए राजनीति और सरकार की आलोचना करना एक संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। यह देखने वाली बात होगी कि इस विवाद में आगे क्या मोड़ आता है और क्या कुणाल कामरा पर कानूनी कार्रवाई और समन जारी रहता है।