कर्नाटक सरकार के मुस्लिम छात्राओं के लिए कॉलेज बनाने के फैसले पर विवाद, हिंदू जनजागृति समिति ने किया विरोध
कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम लड़कियों के लिए 10 नए कॉलेज बनाने के फैसले पर विवाद छिड़ गया है। हिंदू संगठनों ने इसके विरोध की चेतावनी दी है।
01:03 PM Dec 01, 2022 IST | Desk Team
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कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार द्वारा मुस्लिम लड़कियों के लिए 10 नए कॉलेज बनाने के फैसले पर विवाद छिड़ गया है। हिंदू संगठनों ने इसके विरोध की चेतावनी दी है। सूत्रों ने कहा कि सरकार अपने फैसले पर आगे बढ़ रही है और 2.50 करोड़ रुपये का अनुदान भी आवंटित कर दिया है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई इस महीने कॉलेजों की आधारशिला रखने के लिए तैयार हैं।
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मैं मंत्री शशिकला जोले को धन्यवाद देता हूं-मौलाना
सूत्रों ने कहा कि शुरुआत में मलनाड और उत्तर कर्नाटक क्षेत्रों में कॉलेज बनाए जा रहे हैं और बाद में इनका विस्तार किया जाएगा। कर्नाटक वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना शफी सादी ने कहा कि विशेष कॉलेजों के लिए बोर्ड द्वारा प्रस्ताव दिया गया था और यह निर्णय बड़ी संख्या में मुस्लिम लड़कियों द्वारा हिजाब पहनने की अनुमति न देने पर घर पर रहने का विकल्प चुनने के बाद लिया गया है।
उन्होंने कहा, प्रस्ताव केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी को दिया गया था। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर्नाटक के मुजरई मंत्री शशिकला जोले और कलाबुरगी के सांसद उमेश जाधव ने किया। राज्य सरकार ने प्रस्ताव पर सहमति दे दी है। मैं मंत्री शशिकला जोले को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मुस्लिम लड़कियों को शिक्षित करने के लिए एक बहन की तरह नेतृत्व किया।
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यह एक विभाजनकारी फैसला-हिंदू जन जागृति समिति
हिंदू जन जागृति समिति के नेता मोहन गौड़ा ने कहा कि अगर मुस्लिम लड़कियों के कॉलेज बन रहे हैं तो हिंदू शिक्षण संस्थान भी बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय धर्मनिरपेक्षता और संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है, गौड़ा ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
श्री राम सेना के संस्थापक प्रमोद मुथालिक ने राज्य सरकार को कॉलेजों के निर्माण के खिलाफ चुनौती देते हुए कहा है कि राज्य में इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले मुसलमानों के तुष्टिकरण में शामिल होगी। यह एक विभाजनकारी फैसला है। इससे छात्रों में विभाजनकारी मानसिकता विकसित होगी।
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