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धर्मांतरण कार्यक्रम विवाद : दिल्ली पुलिस ने पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से फिर की पूछताछ

आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से एक धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के बारे में दर्ज शिकायत को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

11:07 PM Oct 11, 2022 IST | Shera Rajput

आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से एक धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के बारे में दर्ज शिकायत को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

आम आदमी पार्टी सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से एक धर्मांतरण कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति के बारे में दर्ज शिकायत को लेकर मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने तीन घंटे तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
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इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की कथित तौर पर निंदा की गयी थी।
दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफे के एक दिन बाद सोमवार को पुलिस ने इस धर्मांतरण कार्यक्रम में गौतम की उपस्थिति के सिलसिले में उनसे उनके निवास पर पूछताछ की थी। बाद में उन्हें मंगलवार को पहाड़गंज थाने में अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए औपचारिक नोटिस दिया गया।
पुलिस के अनुसार गौतम करीब ढाई बजे पहाड़गंज थाने में पूछताछ में शामिल हुए।
पुलिस उपायुक्त (मध्य) श्वेता चौहान ने कहा, ‘‘ राजेंद्र पाल गौतम के विरूद्ध शिकायत थी। इसलिए उन्हें इस मामले की जांच के तहत पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उनसे शिकायत के संबंध में सवाल पूछे गये।’’
उन्होंने बताया कि कि जांच पूरी होने के बाद वह शाम करीब साढ़े पांच बजे थाने से चले गये।
पुलिस के अनुसार गौतम से घटनाओं के क्रम, विवाद से जुड़े उनके कथित भाषण के पीछे की मंशा, निमंत्रण समेत कार्यक्रम से जुड़े दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की गयी गयी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हम शीघ्र ही कार्यक्रम के अन्य आयोजकों से भी पूछताछ करेंगे।’’
पुलिस ने कहा कि आप नेता के विरूद्ध अभी कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।
गौतम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझसे आज पूछताछ की गयी। वे (पुलिस) कह रहे हैं कि कल पूछताछ के लिए एक बार फिर नोटिस जारी करुंगा। मैंने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए उनसे कहा कि जब तक वे मुझे लिखित में नहीं देते कि मुझसे किस धारा के तहत पूछताछ करना चाहते हैं, तब तक मैं जांच में शामिल नहीं होऊंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देखते हैं कि कल मुझे वे कौन सा नोटिस जारी करेंगे। अगर मुझे बिना मामला दर्ज किये केवल पूछताछ के बहाने बुलाया जाता है तो मैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करुंगा। मैं वकील हूं और कानून का पालन करुंगा। मैं कानून पालन करने वाला नागरिक हूं।’’
गौतम ने कहा, ‘‘हम बाबासाहेब आम्बेडकर और भारतीय संविधान को मानने वाले लोग हैं। मैं अन्याय के खिलाफ लड़ूंगा।’’
नोटिस के अनुसार पांच अक्टूबर को गौतम ने आम्बेडकर भवन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जहां ‘‘कुछ ऐसे शब्द सार्वजनिक रूप से कहे गये जिससे आम लोगों में नाराजगी है।’’
नोटिस में कहा गया है, ‘‘ इस संबंध में लिखित शिकायतें मिली हैं…. जांच के दौरान (यह निष्कर्ष निकला कि) कानून के मुताबिक आगे की कार्रवाई तय करने के लिए आपकी मौजूदगी (पेशी) बहुत जरूरी है।’’
उसमें कहा गया है, ‘‘ तद्नुसार आपको सभी दस्तावेजों के साथ पहाड़गंज थाने में पेश होने का अनुरोध किया जाता है/ निर्देश दिया जाता है, यदि आप पेश नहीं होते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि आपको अपनी ओर से कुछ कहना या सफाई देना नहीं है तथा फिर कानून के मुताबिक इस मामले पर निर्णय लिया जाएगा।’’
गौतम ने इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति पर उठे विवाद के कारण रविवार को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में चुनाव प्रचार के दौरान आप मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल किया था और उन पर ‘हिंदू विरोधी’ होने का आरोप लगाया था।
ट्विटर पर साझा किये गये एक पत्र में गौतम ने कहा कि वह निजी हैसियत से इस कार्यक्रम में गये थे तथा इसका उनकी पार्टी या सरकार से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने केजरीवाल और आप को निशाना बनाने के लिए भी भाजपा की निंदा की थी और आरोप लगाया कि भाजपा इस मुद्दे पर ‘गंदी राजनीति’ कर रही है।
दिल्ली सरकार में समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/जनजाति मंत्री रहे गौतम ने कहा था कि वह मंत्रिपद से इस्तीफा दे रहे हैं क्योंकि वह नहीं चाहते हैं कि उनकी वजह से उनके नेता या आप किसी संकट में फंसे।
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