यूपी के इस वकील ने Social Distancing का ध्यान रखते हुए बेटे के साथ मिलकर पेड़ पर बनाया घर
इस समय कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में छाया हुआ है। अभी तक इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए किसी भी देश में वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में सोशल डिस्टैन्सिंग यानी सामाजिक दूरी
03:53 PM Apr 10, 2020 IST | Desk Team
इस समय कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में छाया हुआ है। अभी तक इस जानलेवा वायरस से बचने के लिए किसी भी देश में वैक्सीन नहीं बनी है। ऐसे में सोशल डिस्टैन्सिंग यानी सामाजिक दूरी इस संक्रमण से बचने के लिए रखनी बहुत आवश्यक है। इसी वजह से लगातार लोगों को सरकार घरों में रहने और सोशल डिस्टैन्सिंग का अनुरोध कर रही है।
उत्तर प्रदेश के एक शख्श पर सरकार की इस अपील का असर दिखाई दे रहा है। दरअसल इस शख्श ने सामाजिक दूरी लोगों से बनाने के लिए अपना घर पेड़ पर बना लिया। उत्तर प्रदेश के हापुड़ के असोधा गांव का यह दिलचस्प खबर सामने आयी है। सामाजिक दूरी के लिए यहां के रहने वाले मुकुल त्यागी ने एक अनोखा तरीका निकाला है।
घर बेटे की मदद से बनाया
इस शख्श ने पेड़ पर घर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए बनाया। पुरानी और सूखी लकड़ियों से इस सिंपल स्ट्रक्चर को बनाया। पहले प्लेटफॉर्म लंबी लकड़ियों को जोड़कर बनाया गया। इस पर मुकुल त्यागी ने कहा कि कोरोना वायरस का जब देश में संक्रमण फैल रहा है तो ऐसे में लोग अपने आपको एकमात्र विकल्प सोशल डिस्टैन्सिंग से बचा सकते हैं। हमने पेड़ पर रहने का फैसला सोशल डिस्टैन्सिंग के नियमों को ध्यान में रखते हुए लिया। पेड़ को मेरे बेटे की मदद से काटा फिर आपस में तख्तों को जोड़ा।
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मुकुल त्यागी के बेटे ने इसपर बात करते हुए कहा कि पेड़ पर घर बनाने का आईडिया मेरे पिता का था। पेड़ की सुखी लकड़ियों का हमने घर बनाने के लिए उपयोग किया और प्लेटफॉर्म तख्तों को लेकर बनाया। एक अलग अनुभव पेड़ पर हमारा घर बनाने का रहा। उन्होंने बताया कि उनका खाना घर से रोजाना आता है। बता दें कि कोरोना से संक्रमित यूपी में अब तक 400 से अधिक लोग हो गए हैं।
कोई भी वैक्सीन अभी तक नहीं बना
कोरोना वायरस का संकट पूरी दुनिया में छाया हुआ है। पूरी दुनिया में अब तक 80 हजार से अधिक लोगों की मौत इस जानलेवा वायरस से जा चुकी है। हलांकि कोरोना वायरस से संक्रमित विश्व भर में 15 लाख से अधिक लोग हो गए हैं। इस वायरस का वैक्सीन जब तक नहीं मिल जाता तब तक एकमात्र विकल्प इसका सोशल डिस्टैन्सिंग ही है।
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