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हनुमानगढ़ में मिली लाश, फरीदकोट के जसपाल सिंह की नहीं, वारिसों द्वारा पुष्टी

हनुमानगढ़ के गांव मसीतां के नजदीक राजस्थान फीडर हैड पर मिली लाश जसपाल सिंह के माता-पिता द्वारा पहचान से इंकार किया गया है।

02:32 PM May 31, 2019 IST | Shera Rajput

हनुमानगढ़ के गांव मसीतां के नजदीक राजस्थान फीडर हैड पर मिली लाश जसपाल सिंह के माता-पिता द्वारा पहचान से इंकार किया गया है।

लुधियाना-फरीदकोट : हनुमानगढ़ के गांव मसीतां के नजदीक राजस्थान फीडर हैड पर मिली लाश जसपाल सिंह के माता-पिता द्वारा पहचान से इंकार किया गया है। सीआइए फरीदकोट की हिरासत में 11 दिन पहले मारे गए जसपाल सिंह के  शव मिलने के बारे में पुलिस द्वारा दावा किया गया था। 
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22 वर्षीय जसपाल सिंह के मामा गुरचरण सिंह ने आज शाम धरने के दौरान बताया कि जसपाल सिंह के माता-पिता ने हनुमानगढ़ सिविल अस्पताल के शवगृह में रखी लाश की शिनाख्त की है और उन्होंने कहा कि वह लाश जसपाल सिंह की नहीं। उन्होंने कहा कि जसपाल का कद 5 फुट 4 इंच था परंतु बरामद हुई लाश का कद 5 फुट 10 इंच है और जो लाश बरामद हुई है वह 3 या 4 दिन पहले की है। परंतु जसपाल की लाश 11 दिन पहले पानी में फेंकी गई थी। जसपाल सिंह के मामा गुरचरण ङ्क्षसह और एक्शन कमेटी के सदस्यों ने कहा कि लाश मिलने और इंसाफ मिलने तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेंगा। 
स्मरण रहे कि सीआइए फरीदकोट की हिरासत में मारे गए गांव पंजावा जिला श्री मुक्तसर साहिब के नौजवान जसपाल सिंह की लाश मिलने का पंजाब पुलिस द्वारा दावा किया गया है और पुलिस ने यह लाश पंजाब- राजस्थान के बार्डर पर मिलने की घोषणा की थी। 19 मई की सवेर को पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद जसपाल ङ्क्षसह की लाश खुर्द-बुर्द करने के लिए राजस्थान फीडर में फेंके जाने का मामला सामने आया था और लाश का पानी में फेंकने का आरोप सीआइए स्टाफ फरीदकोट के इंचार्ज नरेंद्र सिंह पर लगे थे।
जिसने बाद में स्वयं को कानून के शिकंजे में घिरते देख आत्महत्या कर ली थी। फरीदकोट पुलिस की हिरासत में हुई इस मौत के बाद समस्त शहर में रोष की लहर फेली हुई है और जिला पुलिस प्रमुख कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन जारी है। मृतक जसपाल के वारिसों समेत मां-बाप ने जसपाल सिंह की लाश मांगी है और इस धरने में अलग-अलग मानव अधिकारों के प्रवक्ताओं और सियासी पार्टियों के नेताओं ने पंजाब सरकार और पुलिस को जीभर कर कोसा है। 
प्रवक्ताओं ने आरोप लगाए है कि पुलिस जानबूझकर असल मुलजिमों को बचा रही है। हालांकि पंजाब सरकार ने लोगों के रोष को देखते हुए इस मामले की जांच के लिए आइजी मुखविंद्र सिंह छीना की अगुवाई में 4 सदस्य विशेष टीम का गठन किया है। इसके अलावा पंजाब सरकार ने इस मामले की जडूशियल जांच के आदेश दिए है और इस मामले की पड़ताल फरीदकोट चीफ जडूशियल मजिस्ट्रेट तेज प्रताप सिंह रंधावा कर रहे है। 
– सुनीलराय कामरेड
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