स्टडी में बड़ा दावा- वुहान के बाजार में जानवरों में हुई थी कोविड 19 महामारी की उत्पत्ति
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर दो नए अध्ययनों से यह संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 का कारक सार्स-सीओवी-2 वायरस की उत्पत्ति वुहान के हुआनान सीफूड मार्केट में जानवरों में हुई।
05:31 PM Feb 28, 2022 IST | Desk Team
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर दो नए अध्ययनों से यह संकेत मिलते हैं कि कोविड-19 का कारक सार्स-सीओवी-2 वायरस की उत्पत्ति वुहान के हुआनान सीफूड मार्केट में जानवरों में हुई और 2019 के अंत में इसका प्रसार इंसानों में हुआ। पहला अध्ययन में यह दिखाने के लिए स्थानिक विश्लेषण का उपयोग किया गया कि दिसंबर 2019 में सबसे शुरू में कोविड-19 के जिन मामलों का उपचार किया गया वे वुहान के बाजार पर केंद्रित थे।
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डब्ल्यूएचओ मिशन की रिपोर्ट में मानचित्रों का उपयोग किया
शोधकर्ताओं ने पाया कि वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले पर्यावरणीय नमूने जीवित जानवरों को बेचने वाले विक्रेताओं से दृढ़ता से जुड़े थे। अमेरिका स्थित एरिजोना विश्वविद्यालय में एक प्रोफेसर माइकल वोरोबे ने ट्वीट किया, “हमने दिसंबर 2019 में लक्षण की शुरुआत के साथ वुहान से अधिकांश ज्ञात कोविड-19 मामलों के लिए अक्षांश और देशांतर निकालने के लिए सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मिशन की रिपोर्ट में मानचित्रों का उपयोग किया।” दोनों ही शोध पत्रों के लेखक वोरोबे ने कहा, “हमने पाया कि दिसंबर में मामले हुआनान बाजार के करीब और अधिक केंद्रित थे, जितना कि उम्मीद की जा सकती थी … इसका केंद्र बाजार में था।”
दो घटनाओं की परिणाम थीं जिनमें वायरस जानवरों से मनुष्यों में आया
एक दूसरे अध्ययन में पाया गया कि दो प्रमुख वायरल वंशावली कम से कम दो घटनाओं की परिणाम थीं जिनमें वायरस जानवरों से मनुष्यों में आया। शोधकर्ताओं ने कहा कि पहला संचरण सबसे अधिक नवंबर के अंत या दिसंबर 2019 की शुरुआत में हुआ था, और दूसरी वंशावली संभवतः पहली घटना के हफ्तों के अंदर आ गई।
उन्होंने कहा कि ये निष्कर्ष उस छोटे दायरे को परिभाषित करते हैं जब सार्स-सीओवी-2 ने पहली बार मनुष्यों को संक्रमित किया और जब कोविड-19 के पहले मामले सामने आए। लेखकों ने दूसरे शोधपत्र में लिखा, “2002 में सार्स-सीओवी-1 और 2003 में सार्स-सीओवी-2 में उभार संभवत: कई ‘जूनोटिक’ (पशुजन्य) घटनाओं के परिणामस्वरूप हुआ।” इन शोधपत्रों की हालांकि अभी विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा की जानी बाकी है। इनमें यह पहचान स्पष्ट नहीं हुई है कि बाजार में किस जानवर से इस संक्रमण का प्रसार इंसानों में हुआ।
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