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कोविड-19 : उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 लाख के पार, हरियाणा, ओडिशा ने लगाया लॉकडाउन

देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण रविवार को 3,689 और मरीजों की जान चली गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 33 लाख के पार पहुंच गई है।

02:27 AM May 03, 2021 IST | Shera Rajput

देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण रविवार को 3,689 और मरीजों की जान चली गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 33 लाख के पार पहुंच गई है।

कोविड 19   उपचाराधीन मरीजों की संख्या 33 लाख के पार  हरियाणा  ओडिशा ने लगाया लॉकडाउन
देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण रविवार को 3,689 और मरीजों की जान चली गई जबकि उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 33 लाख के पार पहुंच गई है। मरीजों के लिए अस्पताल में बिस्तरों, दवाओं और ऑक्सीजन की गंभीर कमी के बीच बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने की कोशिश में कुछ अन्य राज्यों की तरह हरियाणा और ओडिशा ने भी लॉकडाउन लगा दिया है। 
कोविड-19 की स्थिति के प्रभावी प्रबंधन के लिये मानव संसाधन बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न उपायों की समीक्षा की और कई संभावित कदमों पर चर्चा की गई जिसमें चिकित्सा व नर्सिंग कोर्स पास कर चुके छात्रों को महामारी में ड्यूटी करने के लिये प्रोत्साहित करना भी शामिल था। 
वहीं अंतरराष्ट्रीय सहायता का पहुंचना भी लगातार जारी हैं। फ्रांस, ताईवान, उज्बेकिस्तान और बेल्जियम की तरफ से भेजे गए ऑक्सीजन संयंत्र समेत अन्य चिकित्सीय आपूर्ति यहां पहुंचीं। 
वहीं देश में 13 विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र से देश भर में व्यापक पैमाने पर मुफ्त टीकाकरण अभियान शुरू करने का अनुरोध किया। एक संयुक्त बयान में उन्होंने केंद्र का आह्वान किया कि वह सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करे क्योंकि वे मरीजों के बढ़ते बोझ का प्रबंधन कर रहे हैं। 
इस बयान पर दस्तखत करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जनता दल एस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झामुमो नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, द्रमुक नेता एमके स्टालिन, बसपा प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, भाकपा महासचिव डी राजा और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी शामिल हैं। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण के तहत एक मई को 18 से 44 आयु वर्ग के कुल 86,023 लाभार्थियों को 11 राज्यों में कोविड टीके की खुराकें दी गई हैं। 
राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण की शनिवार से शुरुआत के बाद देश में अब तक दिए कोविड-19 टीकों की खुराकें 15.68 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। 
देश में एक दिन में कोविड-19 के रिकॉर्ड 3,689 मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 2,15,542 हो गई है। वहीं 3,92,488 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर 1,95,57,457 हो गए हैं। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में रविवार को उनके अब तक के सर्वाधिक मामले दर्ज किये गए। 
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार को ट्वीट किया, ”तीन मई से पूरे राज्य में सात दिन का लॉकडाउन लागू किया जाएगा।” इससे पहले राज्य के नौ जिलों में शुक्रवार को सप्ताहांत कर्फ्यू लागू किया गया था। 
वहीं ओडिशा के मुख्य सचिव एससी मोहपात्रा की ओर से जारी एक वीडियो संदेश में कहा गया कि पूरे राज्य में 14 दिनों के लिये पांच मई से 19 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लागू रहेगा। 
आदेश में कहा गया है, “ पांच मई (बुधवार) 2021 की सुबह पांच बजे से 19 मई (बुधवार) 2021 तक पूरे राज्य में लॉकडाउन रहेगा।” 
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के 8015 नए मामले सामने आए हैं जबकि 14 और मरीजों की जान गई है। 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थिति गंभीर बनी हुई है जहां मुख्यमंत्री ने तीन मई को खत्म होने वाले लॉकडाउन को एक और हफ्ते के लिये बढ़ा दिया है। 
अदालत के दखल और दिल्ली सरकार व केंद्र के आश्वासनों के बावजूद कुछ अस्पतालों का कहना है कि ऑक्सीजन के लिये जंग अब उनके लिये “रोज की जद्दोजहद” हो गई है। 
रेल मंत्रालय ने कहा कि रविवार को 120 टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन लेकर दूसरी ‘ऑक्सीजन एक्सप्रेस’ दिल्ली पहुंची जबकि ओडिशा के अंगुल से तीसरी ट्रेन भी दिल्ली के लिये रवाना हो चुकी है। 
हालांकि दिन में कई अस्पतालों ने अपने खत्म होते ऑक्सीजन भंडार को लेकर जीवन रक्षा संदेश भी भेजे। 
मालवीय नगर स्थित मधुकर रेनबो चिल्ड्रन अस्पताल ने रविवार को अपने यहां ऑक्सीजन का भंडार समाप्त होने का संदेश दिया और कहा कि चार नवजातों समेत 50 लोगों की जान ‘‘खतरे में है।’’ 
अधिकारी ने कहा, ‘‘निरंतर आपूर्ति के अभाव में यह रोजाना की लड़ाई बन गई है। हमें हर दिन करीब 125 ऑक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत पड़ती है।’’ 
द्वारका स्थित आकाश हेल्थकेयर ने सरकारी अधिकारियों से मरीजों को किसी दूसरी जगह स्थानांतरित करने की अपील की, ताकि ‘‘उन्हें बचाया जा सके।’’ 
अस्पताल के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया, ‘‘मदद के लिए गुहार: पूरे दिन कोशिश करने के बाद केवल पांच ऑक्सीजन सिलेंडर मिले, 250 से ज्यादा मरीजों की जान बचाने के लिए 60 मिनट से अधिक नहीं बचे हैं।’’ 
सीताराम भरतीया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से मदद मांगी है। 
अस्पताल ने ट्वीट किया है, ‘‘कोविड-19 के 45 मरीज भर्ती हैं। शाम पांच बजे तक तरल ऑक्सीजन की जरुरत है।’’ 
दिल्ली सरकार मौजूदा 490 मीट्रिक टन कोटे की बजाय केंद्र से 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की मांग कर रही है। 
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की उपलब्धता से जुड़ी स्थिति पर नाराजगी जताई और शहर में चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया। 
कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए यहां हुई उच्च स्तरीय बैठक में गौबा ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर उसे आवंटित ऑक्सीजन का उठान करने की कोशिश करे। 
दिल्ली में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच उपराज्यपाल अनिल बैजल ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों में बिस्तरों, दवाओं, चिकित्सीय ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के साथ ही श्मशान घाटों और कब्रिस्तान की क्षमताओं को बढ़ाने को लेकर संबंधित विभागों से कार्य योजना पेश करने को कहा है। 
शहर में रविवार को कोविड-19 से 407 मरीजों की मौत हो गई जबकि 20,000 से ज्यादा नए मामले भी सामने आए। दिल्ली में संक्रमण दर 28.33 प्रतिशत हो गई है। 
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Shera Rajput

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