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तेजी से फैल रहा कोविड-19, अगले 4 सप्ताह बेहद अहम : केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 पिछले साल के मुकाबले इस साल तेजी से फैल रहा है। साथ ही, आगाह किया कि अगले चार सप्ताह “बेहद महत्वपूर्ण” हैं और लोगों को महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सहयोग करना चाहिए।

01:01 AM Apr 07, 2021 IST | Shera Rajput

केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 पिछले साल के मुकाबले इस साल तेजी से फैल रहा है। साथ ही, आगाह किया कि अगले चार सप्ताह “बेहद महत्वपूर्ण” हैं और लोगों को महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सहयोग करना चाहिए।

तेजी से फैल रहा कोविड 19  अगले 4 सप्ताह बेहद अहम   केंद्र सरकार
केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 पिछले साल के मुकाबले इस साल तेजी से फैल रहा है। साथ ही, आगाह किया कि अगले चार सप्ताह “बेहद महत्वपूर्ण” हैं और लोगों को महामारी की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सहयोग करना चाहिए। 
केंद्र सरकार के दो उच्च अधिकारियों ने मंगलवार रात संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसा हो सकता है कि देश में एक दिन में संक्रमण के एक लाख से अधिक नये मामले दोबारा सामने आएं और यह संख्या पिछली बार की तुलना में अधिक हो सकती है। 
गौरतलब है कि देश में रविवार को 24 घंटे में संक्रमण के 1,03,558 मामले सामने आए थे। 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सुबह आठ बजे अद्यतन किये गये आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 96,982 नए मामले सामने आए थे। 
संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अन्य राज्यों के साथ ही दिल्ली में भी रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। 
कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के कारण टीकाकरण के लिए उम्र सीमा में ढील देने को लेकर विभिन्न हलकों से की जा रही मांग के बीच केंद्र ने कहा कि लक्ष्य सबसे जोखिम वाले लोगों को सुरक्षित करना है। 
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि विमर्श को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि टीके पर अनुसंधान से अब तक यह साबित नहीं हुआ है कि यदि इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण हो तो ‘हर्ड इम्युनिटी’ विकसित हो जाएगी। पॉल ने कहा कि अब तक वैज्ञानिक तरीके से यह प्रमाणित नहीं हुआ है। 
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक बस इतना पता है कि टीके से मृत्यु दर में कमी आती है, संक्रमण की गंभीरता घटती है, लोगों की जान बचती है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्राथमिकता समूह बनाए गए हैं।’’ 
पॉल ने कहा कि टीकाकरण के लिए प्राथमिकता समूह में फैसला किया गया कि मृत्यु के लिहाज से किन्हें ज्यादा जोखिम है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए कि इतिहास केवल इतना याद रखेगा कि कितनी मौतें हुई।’’ 
साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कई लोग पूछ रहे हैं कि सरकार 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए टीकाकरण क्यों नहीं खोल रही है। 
उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में भी चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया है। 
भूषण ने कहा, ‘‘बुनियादी लक्ष्य टीकाकरण के जरिए मौतों को कम करना है। दूसरा लक्ष्य हमारे स्वास्थ्य तंत्र की सुरक्षा करना है। अगर स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर, नर्स, पारामेडिकल कर्मी और अन्य कर्मी बीमार हो गए तो अस्पतालों में कौन काम करेगा? इसलिए किसी भी देश में सबसे मुख्य लक्ष्य सबसे जोखिम वालों को सुरक्षित करना है। टीका जो लेना चाहते हैं उनके टीकाकरण का नहीं, बल्कि जिन्हें ज्यादा जरूरत है उन्हें टीका देने का लक्ष्य है।’’ 
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लेने की अनुमति देनी चाहिए। 
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी टीकाकरण के लिए उम्र सीमा में ढील देने का अनुरोध किया है।
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Shera Rajput

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