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कॉक्स एंड किंग्स के प्रवर्तक पीटर केरकर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने पर्यटन क्षेत्र की कॉक्स एंड किंग्स के प्रवर्तक पीटर केरकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि मामला येस बैंक धन शोधन मामले में चल रही जांच से जुड़ा है।

02:25 AM Nov 27, 2020 IST | Shera Rajput

प्रवर्तन निदेशालय ने पर्यटन क्षेत्र की कॉक्स एंड किंग्स के प्रवर्तक पीटर केरकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि मामला येस बैंक धन शोधन मामले में चल रही जांच से जुड़ा है।

प्रवर्तन निदेशालय ने पर्यटन क्षेत्र की कॉक्स एंड किंग्स के प्रवर्तक पीटर केरकर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने बताया कि मामला येस बैंक धन शोधन मामले में चल रही जांच से जुड़ा है। 
केरकर उर्फ अजय अजीत पीटर को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत मुंबई से गिरफ्तार किया गया। उन्हें यहां स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। 
अधिकारियों ने जानकारी दी कि मामला येस बैंक मामले में चल रही जांच से जुड़ा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने पाया कि कॉक्स एंड किंग्स ग्रुप ऑफ कंपनीज पर बैंक का कुल 3,642 करोड़ रुपये का बकाया है। 
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी में केरकर उर्फ अजय अजीत पीटर की भूमिका की जांच की जा रही है। कंपनी पर येस बैंक के अलावा अन्य बैंकों का भी बकाया है। 
जांच एजेंसी ने जून में मुंबई में केरकर समेत कंपनी के कई पूर्व अधिकारियों घर इत्यादि परिसरों पर तलाशी की कार्रवाई भी की थी। 
ईडी पहले पर्यटन क्षेत्र की कंपनी के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी अनिल खंडेलवाल और आंतरिक ऑडिटर नरेश जैन को भी अक्टूबर में गिरफ्तार कर चुकी है। 
मौजूदा समय में कॉक्स एंड किंग्स कॉरपोरेट ऋणशोधन प्रक्रिया का सामना कर रही है। 
ईडी ने आरोप लगाया कि खंडेलवाल और जैन कॉक्स एंड किंग्स के कोष को हस्तांतरित करके कई अचल संपत्तियां खरीदीं। 
ईडी का दावा है कि कंपनी ने अपनी विदेशी अनुषंगियों के बैलेंस शीट में हेराफेरी करके एकीकृत वित्तीय विवरणों में फर्जीवाड़ा किया। ऋण आवंटन के लिए बैंक को सौंपे गए निदेशक मंडल के कुछ प्रस्ताव भी फर्जी पाए गए हैं। 
जांच में पाया गया कि कंपनी को ऋण देने में येस बैंक के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक राणा कपूर की भागीदारी रही। इसके लिए कई नियमों की अनदेखी कर दी गयी। 
इस मामले में येस बैंक के सह-प्रवर्तक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवान एवं धीरज वाधवान को ईडी साल की शुरुआत में गिरफ्तार कर चुकी है।
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