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Rohit Sharma कैसे बने टीम इंडिया के हिटमैन

09:35 AM Apr 30, 2024 IST
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Rohit Sharma जिन्हे आज किसी भी पहचान की जरूरत नहीं है यह खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट की आन बान शान है। कभी खिलाड़ियों को डांटते फटकारते हुए तो कभी टूटे हुए खिलाड़ियों को संभालते हुए, यह खिलाड़ी जब मैदान पर उतरता है तो करोड़ों भारतीय फैंस की सांसें थम जाती है। सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी की चाहे जितनी बड़ी फैन आर्मी क्यों ना हो लेकिन जब देश की शान की बात आती है तो पहला नाम फैंस रोहित का ही लेते हैं। रोहित गुरुनाथ शर्मा जिनका जन्म 30 अप्रैल 1987 को मुंबई में हुआ था। किसने सोचा था कि यही लड़का आगे चलकर भारत की क्रिकेट टीम का कप्तान बनेगा और हिटमैन के नाम से जाना जाएगा। ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं जो इस खिलाड़ी ने अपने नाम नही किया हो। चाहे 10000 से ज्यादा रन हो या 500 से ज्यादा छक्के। रोहित हर चीज में अव्वल है। 2019 वर्ल्ड कप में लगाए उनके 5 शतक हों या फिर वर्ल्ड कप 2023 में उनके 597 रन,फैंस के दिल में इस खिलाड़ी के लिए एक अलग ही मान सम्मान है।

HIGHLIGHTS

हाल ही में जब आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियंस ने टीम की बागडोर रोहित शर्मा से छीन ली थी तो उनकी फैन आर्मी ने दिखाया था की वो टीम की नही बल्कि भारत के इस बेटे के सपोर्टर है। खैर यह तो रही बात की बात आज हम जानेंगे कि रोहित कैसे बने टीम इंडिया के हिटमैन।

रोहित शर्मा का बचपन और क्रिकेट से लगाव

रोहित शर्मा का जन्म भारतीय राज्य महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले के बंसोड़ क्षेत्र में 30 अप्रैल 1987 को हुआ था। इनकी माता पूर्णिमा शर्मा जो विशाखापट्नम से है। जबकि इनके पिता गुरुनाथ शर्मा जो किसी परिवहन कम्पनी में देखभाल करने वाले है। शर्मा का लालन पालन बोरीवली में उनके दादा और चाचा के साथ हुआ था क्योंकि उनके पिता की आय काफी कम थी।

रोहित ने सन् 1999 में अपने चाचा की आय से एक क्रिकेट कैम्प में खेलना आरम्भ किया था।उस समय रोहित के कोच दिनेश लाड थे और उन्होंने कहा था कि तुम अपनी विद्यालय को बदल कर स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में आ जाओ क्योंकि लाड वहीं पर कोच के पद पर कार्यरत थे इस कारण रोहित को क्रिकेट खेलने में ज्यादा सुविधा मिल सके।

उस समय रोहित को उस विद्यालय में जाने का मौका नहीं मिल पाया था और तब उन्होंने स्कॉलरशिप के लिए भी मांग की थी।[9] बाद में रोहित ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत एक ऑफ़ स्पिनर के तौर पर की थी लेकिन बाद में लाड ने शर्मा को सलाह दी की तुझमें बल्लेबाज की काबिलियत ज्यादा है इसलिए एक अच्छा बल्लेबाज बनने का प्रयास करो, तब रोहित आठवें नम्बर पर बल्लेबाजी करते थे और लाड ने बाद में इनको ओपनिंग करने के लिए भेजना शुरू किया। शायद किस्मत भी यही चाहती थी रोहित ने बल्लेबाजी में कदम रखा और अपनी पहली ही पारी में उन्होंने शतक जड़ दिया।

रोहित शर्मा का शुरूआती करियर

रोहित शर्मा ने अपने लिस्ट ए क्रिकेट की शुरुआत मार्च 2005 में वेस्ट जॉन की तरफ से खेलते हुए सेंट्रल जॉन के खिलाफ देवधर ट्रॉफी में ग्वालियर में की थी। उसके बाद उसी प्रतियोगिता के एक मैच में रोहित ने शानदार बल्लेबाजी की और महज 123 गेंदों पर जबरदस्त 142 रन बनाए। इस शतक से रोहित को काफी फायदा हुआ। इसके बाद इन्होंने अपने रणजी ट्रॉफी शुरुआत की। इन्होंने रणजी ट्रॉफी कैरियर की शुरुआत मुम्बई क्रिकेट टीम के लिए 2006/07 में की थी। उस दौरान रोहित ने गुजरात टीम के खिलाफ शानदार 205 रन बनाए थे। रोहित ने फाइनल मुकाबले में बंगाल के खिलाफ अर्द्धशतक से मुम्बई प्रतियोगिता में बना रहा। इसके बाद भी रोहित शर्मा का शानदार फॉर्म जारी रहा और इसका फल तब उन्हे मिला 2007 टी20 वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ इन्हे अपना डेब्यू का मौका मिला। रोहित ने शानदार अर्धशतक जमाया और भारत को टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद रोहित टीम इंडिया का हिस्सा लगातार बनते रहे 2008 में हुई कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज में सचिन के साथ निभाई उनकी ऐतिहासिक साझेदारी आज भी लोग याद रखते हैं। लेकिन उसके बाद रोहित का फॉर्म उतार चढ़ाव से भरा रहा कभी वह टीम से अंदर तो कभी बाहर। इसी कड़ी में वह 2011 वर्ल्ड कप टीम से भी बाहर हो गए जिसका दुख उन्हे हमेशा रहा है।

कैसे हुई हिटमैन युग की शुरुआत

रोहित शर्मा का करियर तब बदला जब उस समय के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें ओपन करने की जिम्मेदारी दी और वो दिन है और आज का दिन है रोहित ने कभी पीछे मुड़कर नही देखा। उनके और शिखर धवन की सलामी जोड़ी हर मैच में भारत को बेहतर शुरुआत देते और आखिर में भारत चैंपियंस ट्रॉफी जीतने में सफल भी हुआ। रोहित शर्मा इंडियन प्रीमियर लीग में मुम्बई इंडियन्स टीम के कप्तान बन गए और अब तक सबसे सफल कप्तान है। इनकी कप्तानी में 5 बार मुंबई इंडियन टाइटल जीतने में सफल हुआ ।

रोहित की अच्छी फॉर्म जारी रही और फिर 2013 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को भारत बुलायी गयी, इस श्रृंखला में रोहित ने एक मैच में 141 रन जयपुर में बनाये थे हालांकि उस मैच में आउट हो गए थे लेकिन एक अन्य मैच बैंगलोर में 158 गेंदों पर 209 बनाकर भारतीय टीम का नया रिकॉर्ड बनाया साथ ही मैच में अकेले रोहित ने 16 छक्के लगाकर ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन के लगाए 15 छक्कों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था।

नवम्बर 2013 में सचिन तेंदुलकर की विदाई वाली श्रृंखला में रोहित को खेलने का मौका मिला था और इन्होंने अपना पहला मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेला गया था और उस मैच में 177 रन बनाकर दूसरे सबसे सफल खिलाड़ी बन गए जिन्होंने पहले टेस्ट में शतक लगाया।

2010 में रोहित शर्मा दुनिया के ऐसे पहले बल्लेबाज बन गए जिन्होंने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 250 से ज्यादा रन बनाए हो और साथ ही दो बार दोहरे शतक लगाए हो। इन्होंने एक बार फिर कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर कारनामा किया और श्रीलंका टीम के खिलाफ 264 रनों की पारी खेली थी और पूरे क्रिकेट जगत को दंग कर दिया था। इससे पूर्व भारत के ही वीरेंद्र सहवाग के नाम था जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 219 रन बनाए थे। रोहित वनडे के अकेले ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने तीन दोहरे शतक लगाए हैं।

रोहित शर्मा को भारत का कप्तान तब बनाया गया जब 2021 T20 वर्ल्ड कप में भारत विराट कोहली की कप्तानी में पहले ही दौर में बाहर हो गया था। उसके बाद बीसीसीआई ने रोहित को तीनों फॉर्मेट की कप्तानी सौंप दी। रोहित की कप्तानी में भारत ने 2022 टी20 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल तक सफर किया। जबकि 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलने में सफल हुए  वहीं पिछले साल भारत को एशिया कप विजेता बनाया लेकिन बदकिस्मती से भारत वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल हार गया। फिलहाल रोहित शर्मा आईपीएल में बतौर बल्लेबाज मुंबई की तरफ से खेल रहे हैं।

भविष्य में ICC टूर्नामेंट जीतने पर नजर

1 महीने बाद रोहित की कप्तानी में भारत टी20 वर्ल्ड कप खेलेगा जहां हर भारतीय यही उम्मीद करेगा कि भारत इस मार्की इवेंट को जीतकर आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को खत्म करे। रोहित शर्मा सन 2015 में ऋतिका सजदेह के साथ शादी के बंधन में बंध गए, फिलहाल उनकी 1 बेटी भी जिसका नाम समायरा है। रोहित शर्मा ने हाल ही में दक्षिण अफ्रीका को उनकी धरती पर सीरीज बराबर करने में सफल हुए, वहीं हाल में इंग्लैंड को भी 4-1 से हराने में सफल हुए थे। अगर देखा जाए तो भारत का भविष्य इनकी कप्तानी में काफी उज्जवल नज़र आ रहा है। रोहित ने ना सिर्फ सीनियर खिलाड़ियों से टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि जूनियर क्रिकेटर्स से भी जीत दिलाना जारी रखा। इस समय भारतीय टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है जहां यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, ऋतुराज गायकवाड़, सरफराज खान, ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी इनके मार्गदर्शन में युवा सुपरस्टार बनते हुए नजर आये। अगर देखा जाए तो भारत को इस साल टी20 वर्ल्ड कप के अलावा ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी करना है वहीं अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी और आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल खेलना है। रोहित शर्मा जरूर चाहेंगे की उनके नाम में चार चाँद लगे और वह टीम के आईसीसी ट्रॉफी के सूखे को ख़त्म करें।

 

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