James Anderson Retirement : एक ऐसा क्रिकेटर जिसने टेस्ट क्रिकेट के लिए छोड़ दिया वनडे और टी20 का रोमांच
James Anderson Retirement: अगर क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की बात हो शायद आप सबसे पहला नाम मुथैया मुरलीधरन का लेंगे लेकिन अगर बात करें किसी तेज़ गेंदबाज की जिसने क्रिकेट फील्ड पर अपनी आधी ज़िन्दगी दे दी और कल उसने क्रिकेट फील्ड से संन्यास ले लिया तो शायद आप इंग्लैंड के नंबर 1 गेंदबाज जेम्स एंडरसन का नाम लेंगे।
HIGHLIGHTS
- James Anderson ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास
- लगभग 22 साल के लंबे करियर पर लगा विराम
- 2002 में लॉर्ड्स में किया था इंग्लैंड के लिए अपना डेब्यू
- 2024 में लॉर्ड्स में खेला आखिरी मुकाबला
जेम्स एंडरसन वो क्रिकेटर हैं जो 22 साल तक लगातार इंग्लैंड क्रिकेट की लगातार सेवा करते रहे। वो क्रिकेटर जिसके लिए क्रिकेट खेलने का मतलब सिर्फ टेस्ट क्रिकेट रहा, कल उन्होंने अपने क्रिकेट करियर का आखिरी मुकाबला भी खेल लिया। जो कहानी लंदन के लॉर्ड्स में शुरू हुई थी कल वो कहानी लॉर्ड्स में ही ख़त्म हो गई। वेस्टइंडीज के खिलाफ इस महान गेंदबाज ने अपनी जिंदगी का आखिरी टेस्ट मैच खेला. इस इंट्रोडक्शन के बाद आप समझ ही गए होंगे कि आज हम आपको जेम्स एंडरसन से जुड़े कुछ ख़ास वाक्य बताने वाले हैं या यूं कहे कि उनकी कहानी बताने वाले हैं, वो खिलाड़ी जिसने इंग्लैंड क्रिकेट के हर बदलते स्वरुप को देखा चाहे टीम का वर्ल्ड कप से खराब प्रदर्शन हो, या फिर विश्व चैंपियन बनना चाहे टेस्ट क्रिकेट में लगातार नाकामी हो या फिर बैजबॉल अप्रोच तो चलिए आज आपको बताते हैं जेम्स एंडरसन की दिलचस्प यात्रा
जेम्स एंडरसन का जन्म 30 जुलाई 1982 को लंकाशायर के बर्नले में हुआ था। उन्होंने 41 साल और 348 दिनों की उम्र में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कहा। 22 मई 2003 को जिम्बाब्वे के खिलाफ एंडरसन ने अपना डेब्यू किया। अपने पहले ही मैच की पहली पारी में एंडरसन ने पांच विकेट झटके। इस मैच से एंडरसन ने एक बात तो साबित कर दी थी कि वह 2-4 मैच खेलने यहां नहीं आये हैं बल्कि वो एक लंबी रेस के घोड़े हैं। वैसे आपको बता दें कि जेम्स एंडरसन ने टेस्ट से पहले अपना वनडे डेब्यू कर लिया था। उन्होंने 15 दिसंबर 2002 को अपना पहला वनडे इंटरनेशनल मैच मेलबर्न में खेला, जहां वह काफी महंगे साबित हुए थे. उस मैच में उन्हें 6 ओवरों में 46 रन पड़ गए थे, लेकिन उस मैच में उन्होंने एडम गिलक्रिस्ट को आउट कर दिया। गिलक्रिस्ट ने उस मैच में 124 रनों की पारी खेली थी।
एंडरसन ने अपना पहला टी20 इंटरनेशनल मैच 9 जनवरी 2007 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला, इस फॉर्मेट में भी उनका डेब्यू बहुत खराब रहा, उन्होंने 4 ओवर में 64 रन लुटवाए और मैथ्यू हेडन को आउट किया।
यानी देखा जाए तो वनडे डेब्यू एंडरसन का 2002 में हुआ था तो उस लिहाज से वह करीब 22 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट में खेले। आजकल देखा जाए तो आज के क्रिकेटर टेस्ट क्रिकेट को उतना तरजीह नहीं देते हैं खासकर युवा पीढ़ी। लेकिन जेम्स एंडरसन ऐसे क्रिकेटर रहे, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की खातिर वनडे और टी20 फॉर्मेट से दूरी बना ली थी. खासकर की टी20 फॉर्मेट से उन्होंने बहुत ज्यादा टी20 मुकाबले नहीं खेले और अन्य युवा तेज गेंदबाजों को सबसे फॉर्मेट में खेलने का मौका दिया. जिस वजह से जोफ्रा आर्चर, मार्क वुड, क्रिस जॉर्डन जैसे तेज़ गेंदबाज इंग्लैंड को मिले। साल 2002 में वनडे डेब्यू करने के बाद वह 2015 में इस फॉर्मेट में आखिरी मैच खेले। जहां उनके नाम 194 वनडे मुकाबलों में 269 विकेट थे। वहीं टी20 क्रिकेट में एंडरसन ने सिर्फ 19 मुकाबले खेले और उन्हें कुल 18 विकेट प्राप्त हुए। इससे साफ़ जाहिर होता है कि एंडरसन सीमित ओवरों की क्रिकेट की तुलना में टेस्ट क्रिकेट को ज्यादा पसंद करते थे। उनकी जोड़ी जहां एक समय मैथ्यू होगार्ड के साथ देखते ही बनती थी जबकि पिछले 16-17 साल में स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ मिलकर उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट पर जमकर राज किया। एंडरसन के संन्यास के साथ ही एक युग की समाप्ति हुई। उन्हें क्रिकेट पिच पर हमेशा याद रखा जाएगा। अब आप हमे बताइए कि जेम्स एंडरसन की जगह इंग्लैंड क्रिकेट में कौन सा गेंदबाज ले सकता है।