जयशाह बने आईसीसी के चेयरमैन, पाकिस्तान परेशान
Jay Shah becomes ICC Chairman : आप ने सलमान खान की दबंग मूवी जरूर देखी होंगी, उस मूवी में एक डायलॉग है की मारेंगे भी हम ही और बचाएंगे भी हम ही, यह सुनकर उस सीन में विलेन हक्का बक्का रह गया था। यह बात हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड पर एक दम फिट बैठती है।
HIGHLIGHTS
- ICC के चेयरमैन बने BCCI सेक्रेटरी जयशाह
- 1 दिसंबर से संभालेंगे ICC चेयरमैन का पद
- चेयरमैन के चुनाव में उनके सामने नहीं हुआ कोई भी दिग्गज खड़ा
- ICC चेयरमैन बनने वाले 5 वें भारतीय बने
लगभग पिछले 9 महीने से सिर्फ एक सवाल पाकिस्तानी फैंस के जहन में चल रहा है की उनकी क्रिकेट टीम तो भारत में वर्ल्ड कप खेलने गई थी तो भारत सरकार को भी अपनी टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पाकिस्तान जरूर भेजना चाहिए। तभी से लेकर अब बीसीसीआई सचिव जय शाह ने यही बात कही थी किसी भी सूरत में भारतीय टीम पाकिस्तान नही जाएगी और यह टूर्नामेंट एशिया कप 2023 की तरह हाइब्रिड मॉडल में खेला जाए। जिसको लेकर करीब 1 महीने पहले आईसीसी की एक मीटिंग भी हुई जिसमें भारत और पाकिस्तान दोनो तरफ के क्रिकेट बोर्ड ने अपनी अपनी बात रखी और आखिर में निर्णय यह हुआ कि आईसीसी जो फैसला करेगा वो दोनो टीमों को मानना होगा। लेकिन आपको बता दें बीसीसीआई के सचिव जयशाह जिन्होंने खुद ही यह अपील की थी अब वो ही आईसीसी के चेयरमैन बन गए हैं और अब उन्हें ही यह निर्णय लेना है कि भारत पाकिस्तान जाएगा या फिर नही।
मतलब अपील भी भारत की और फैसला भी भारत का। इसके साथ तो एक बात एक दम साफ़ हो गई है अब चैंपियंस ट्रॉफी हाइब्रिड मॉडल में ही होनी है और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने ज्यादा कुछ किया तो कहीं उनसे मेजबानी भी ना छिन जाए। वैसे भी वहां के स्टेडियम के हालत, और पिच की रूप रेखा सभी ने देखी है। स्टेडियम में जहां मरम्मत का काम चालू है तो पिच एक दम सपाट हाईवे रोड बनी हुई है। अब देखना होगा कि आने वाले कुछ दिनों में क्या क्या खास देखने को मिलता है। जयशाह इससे पहले एशिया क्रिकेट काउंसिल और बीसीसीआई के सेक्रेटरी रह चुके हैं जबकि उनका आईसीसी में चेयरमैन का कार्यकाल 1 दिसंबर से शुरू होगा।
जय शाह अक्टूबर 2019 से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मानद सचिव और जनवरी 2021 से एशियन क्रिकेट काउंसिल के चेयरमैन हैं। वह 1 दिसंबर, 2024 को आईसीसी के चेयरमैन का पद संभालेंगे। शाह अकेले उम्मीदवार थे, क्योंकि मौजूदा चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने तीसरा कार्यकाल नहीं लेने का फैसला किया। चुनाव के बाद, शाह ने क्रिकेट के वैश्विक विस्तार और लोकप्रियता को बढ़ाने की अपनी मंशा जाहिर की, खासकर जब यह खेल 2028 में लॉस एंजिल्स ओलंपिक में शामिल होने जा रहा है। इसे जय शाह क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर मानते हैं। शाह ने एक बयान में कहा, "मैं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के चेयरपर्सन के रूप में नामित होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं।" उन्होंने आगे कहा, "मैं आईसीसी की टीम और हमारे सदस्य देशों के साथ मिलकर क्रिकेट को और अधिक वैश्विक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं जहां विभिन्न प्रारूपों का संतुलन बनाना, नई तकनीकों को अपनाना और हमारे प्रमुख इवेंट्स को नए वैश्विक बाजारों में ले जाना जरूरी है। हमारा लक्ष्य है कि क्रिकेट को पहले से ज्यादा समावेशी और लोकप्रिय बनाया जाए।" अगले महीने 36 साल के होने जा रहे शाह ने कहा, "हम जहां महत्वपूर्ण सबक ले रहे हैं, वहीं हमें नई सोच और नवाचार को भी अपनाना होगा ताकि दुनिया भर में क्रिकेट के प्रति प्रेम को बढ़ाया जा सके। लॉस एंजिल्स 2028 में ओलंपिक में हमारे खेल के शामिल होने का मतलब क्रिकेट के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और मुझे विश्वास है कि यह खेल को अभूतपूर्व तरीकों से आगे बढ़ाएगा।" शाह का चुनाव आईसीसी के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है। आईसीसी खेल को बढ़ाने और इसे वैश्विक मंच पर विकसित करने की दिशा में काम करने की देख रही है। जय शाह आईसीसी में प्रमुख पद पर रहने वाले पांचवें भारतीय हैं। इससे पहले एन. श्रीनिवासन (2014-15) और शशांक मनोहर (2016-2020) आईसीसी के चेयरमैन रह चुके हैं, जबकि जगमोहन डालमिया (1997-2000) और शरद पवार (2010-2012) आईसीसी के प्रेसिडेंट के रूप में कार्य कर चुके हैं।
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