Success Story : कहानी उस खिलाड़ी की जिसने वेस्टइंडीज की धरती पर सब कुछ हारने के बाद भारत को बनाया वर्ल्ड चैंपियन
आपने बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान की चक दे इंडिया मूवी जरूर देखी होगी जहां वो फिल्म की शुरुआत में एक खिलाड़ी के तौर पर एक बड़ा फाइनल हार जाते हैं। इसके बाद उन्हें अपने ही देश के लोगों से खरी-खोटी गालियाँ और तरह तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है लेकिन वह हार नहीं मानते और कुछ सालों के बाद वह बतौर कोच वापसी करते हैं और भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनाते हुए अपने ऊपर लगे कलंक को हटाते है। शायद यह कहानी किसी एक भारतीय खिलाड़ी पर बनी हुई है तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कौन है वो भारतीय दिग्गज जिसके ऊपर यह कहानी 2007 में लिखी थी। किसे पता था 20 जनवरी 2007 को रिलीज़ होने वाली चक दे इंडिया की रियल स्टोरी उसके ठीक 2 महीने बाद शुरू हो जायेगी और वो भी भारत के एक दिग्गज खिलाड़ी के ऊपर। तो चलिए फिर शुरू करते हैं।
HIGHLIGHTS
- भारत ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता
- Rahul Dravid की कोचिंग में 11 साल बाद जीता ICC खिताब
- वेस्टइंडीज में द्रविड़ की कप्तानी में ही भारत हारा था वर्ल्ड कप
- चक दे इंडिया मूवी पूरी तरह से फिट बैठती है द वॉल के नाम
2007 में अर्श से फर्श पर गिरी थी Rahul Dravid & कंपनी......2012 में लिया संन्यास
साल था 2007, दिन था 17 मार्च... एक ऐसा दिन जिसने भारतीय क्रिकेट को एकदम से ही अर्श से फर्श पर गिरा दिया। जिस टीम में कई बड़े बड़े नामी बल्लेबाज थे वो टीम वर्ल्ड कप 2007 के पहले ही राउंड में बांग्लादेश और श्रीलंका से हारकर ग्रुप राउंड से ही बाहर हो गई। वर्ल्ड कप से बाहर होने के बाद टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों के चेहरे लटके हुए थे। फैंस भी अपने खिलाड़ियों से काफी ज्यादा नाराज थे और उन्हें फैंस के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा। इसका नतीजा यह हुआ कि वर्ल्ड कप के सिर्फ 6 महीने के अन्दर इस टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ दी। खैर वक़्त बदला और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर टी20 वर्ल्ड कप जीता। उसके बाद 2011 वर्ल्ड कप जीतकर भारत ने सचिन तेंदुलकर को यादगार विदाई दी। लेकिन राहुल द्रविड़ इससे भी वंचित रह गए। 2012 में इस खिलाड़ी ने अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। सभी को लगा की द्रविड़ अब कभी इंडियन क्रिकेट में नज़र नहीं आएंगे। द्रविड़ ने कमेंटरी करना शुरू कर दिया था लेकिन राहुल की किस्मत में वर्ल्ड चैंपियन बनना लिखा हुआ था और भगवान् भी भारत की इस द वॉल को जीतकर विदाई देना चाहते थे।
बतौर कोच जीताया अंडर 19 वर्ल्ड कप..... 2021 में बने मुख्य टीम के कोच
ऐसे में राहुल की किस्मत ने मोड़ लिया और राहुल द्रविड़ बने अंडर 19 वर्ल्ड कप टीम के कोच और इनकी कोचिंग में 2018 में भारत ने अंडर-19 विश्व कप का खिताब भी अपने नाम किया। लेकिन अभी मंजिल काफी दूर थी। राहुल और टीम इंडिया के रास्ते बहुत दूर-दूर थे। भारत 2019 का वर्ल्ड कप, 2021 का टी20 वर्ल्ड कप हारा तो भारत को अब एक देशी कोच की तलाश थी ऐसे में इस टीम के कोच के रूप में एंट्री हुई द वाल " राहुल शरद द्रविड़"। अब राहुल के पास फिर वो मौका था.... जो राहुल एक खिलाड़ी के तौर पर नहीं कर पाए थे। 2021 टी20 वर्ल्ड कप हारने के बा राहुल द्रविड़ कोच बने और उनका पहला टारगेट था पाकिस्तान से मिली 2021 टी20 वर्ल्ड कप हार का बदला लेना और विराट कोहली की उस मास्टर क्लास से भारत ने वो मैच जीता जीत के बाद राहुल ने जिस तरह का चीयर किया और अपने खिलाड़ियों को शाबाशी दी वह देखने लायक थी। लेकिन जिस राहुल को आज तक वर्ल्ड कप नहीं मिला था उसे अपने कोच के पहले ही अटेंप्ट में ही ट्रॉफी मिल जाए ये भी भगवान् को मंजूर नहीं था वो कहते हैं ना भगवान् भी आपको तब देता जब आप उस चीज़ के लायक हो। भारत सेमीफाइनल में बुरी तरह हारा और सब का दिल टूट गया कप्तान रोहित शर्मा जब ड्रेसिंग रूम में सबसे अलग होकर रो रहे थे उस समय द्रविड़ ही थे जिन्होंने उन्हें संभाला था और उनके आंसू को पोछा था। उसके बाद 2023 में द्रविड़ की कोचिंग में भारत ने 2 आईसीसी टूर्नामेंट फाइनल खेले लेकिन किस्मत अभी भी उनपर मेहरबान नहीं थी। 2023 वर्ल्ड कप फाइनल की हार पर तो कोई विश्वास भी नहीं कर पा रहा था। द्रविड़ इससे पहले 1999 और 2003 वर्ल्ड कप में भी एक खिलाड़ी के तौर पर सुपर-6 और फाइनल से बाहर होकर वर्ल्ड कप हारने वाली टीम के सदस्य रह चुके थे और यहां भी कहानी कुछ वैसे ही चल रही थी लेकिन शायद यह ही द्रविड़ का आखिरी इम्तिहान था।
एक आखिरी प्रयास में जुटे द्रविड़... और ख़त्म किया 11 साल का सूखा
जब सबको लगा की अब द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा और द्रविड़ का वर्ल्ड का सपना सपना ही रह जाएगा। उस समय द्रविड़ ने अपना कार्यकाल 6 महीने और बढ़वाया और एक आखिरी मौका माँगा। जहां अपनी ज़िन्दगी में एक आखिरी बार वह वर्ल्ड कप जीत की चाहत लेकर उतरने वाले थे। इस बार उनका साथ दिया टीम ने तो दिया ही इस बार किस्मत भी उनपर मेहरबान हुई। आयरलैंड, पाकिस्तान, यूएसए, को हराकर सुपर 8 में जगह बनाई फिर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचे उसके बाद सेमीफाइनल में इंग्लैंड को बाहर किया और फिर फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर खिताब अपने नाम किया। भारत को जीत मिलते ही ड्रेसिंग रूम में द्रविड़ का जश्न देखने को मिलता है। जीत के बाद टीम ने राहुल द्रविड़ को चैंपियन सेलिब्रेशन में ट्रॉफी जब दी तब द्रविड़ की दहाड़ देखने लायक थी उनकी आँखों में ख़ुशी का आंसू थे। इसी के साथ राहुल द्रविड़ का कार्यकाल अब ख़त्म हो चुका है। अब देखना होगा कि क्या वह कमेंटरी पैनल में अपनी वापसी करते हैं या फिर नहीं। लेकिन द्रविड़ का इस सफ़र को हम यही कहेंगे थैंक यू द वॉल" राहुल द्रविड़" फॉर योर कॉन्ट्रिब्यूशन इन इंडियन क्रिकेट।