"मैं खुद से पहले शुभमन को चुनता" जानिए निस्वार्थ गब्बर की कहानी
SHIKHAR DHAWAN BIOGRAPHY & HIS CRICKETING JOURNEY : भारतीय क्रिकेट टीम में जब भी कुछ गोल्डन हार्ट प्लेयर की बात की जायेगी तो उस खिलाड़ी का नाम उस सूची में जरूर आएगा, टीम से बाहर होने के बाद जब एक रिपोर्टर ने उससे पुछा की अगर आप सिलेक्टर होते तो आप खुद को मौका देते या फिर शुभमन गिल को, तो उस इंसान ने चेहरे पर एक ख़ुशी के साथ कहा कि अगर मैं सिलेक्टर होता तो जरूर शुभमन को मौका देता।
HIGHLIGHTS
- शिखर धवन ने लिया सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास
- सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर वीडियो किया शेयर
- धवन को कहा जाता है मिस्टर ICC
आज हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के गब्बर कहे जाने वाले शिखर धवन की, जिन्होंने 24 अगस्त को अचानक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। धवन ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो शेयर करते हुए टूटे हुए दिल के साथ अपने शानदार करियर को अलविदा कहा। उन्होंने अपने कोच, टीम के साथियों, चाहने वालों, दिल्ली और भारत के क्रिकेट बोर्ड को शुक्रिया कहते हुए रिटायरमेंट का ऐलान किया। धवन आखिरी बार 10 दिसंबर 2022 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे सीरीज में इंटरनेशनल मैच खेलते हुए नज़र आये थे। उन्होंने रिटायमेंट का ऐलान करते हुए कहा- मेरे दिमाग में हमेशा एक ही लक्ष्य था कि मैं भारत के लिए खेलूं और मैंने कई लोगों की बदौलत ये मुकाम हासिल किया। सबसे पहले मेरा परिवार, मेरे बचपन के कोच तारक सिन्हा और मदन शर्मा... उनके मार्गदर्शन में मैंने क्रिकेट सीखा। फिर मेरी पूरी टीम जिसके साथ मैंने सालों तक क्रिकेट फील्ड पर समय बीताया... इन सभी से मुझे बहुत सारा प्यार और समर्थन मिला। लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कहानी में आगे बढ़ने के लिए आपको पन्ने पलटने पड़ते हैं। इसलिए, मैं भी यही कर रहा हूं, मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर रहा हूं। उन्होंने आगे कहा- अब, जब मैं अपने क्रिकेट के सफर को अलविदा कह रहा हूं तो मुझे इस बात का संतोष है कि मैंने अपने देश के लिए बहुत खेला। मैं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI और डीडीसीए का, मुझे ये अवसर देने के लिए और अपने सभी प्रशंसकों के प्यार और समर्थन के लिए वास्तव में आभारी हूं। मैं बस इतना ही अपने आप से कहता हूं कि इस बात से दुखी मत हो कि तुम अपने देश के लिए फिर से नहीं खेल पाओगे, लेकिन हमेशा खुश रहो कि तुमने अपने देश के लिए खेला। और ये मेरे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है कि मैंने खेला।
अब बात करते हैं कि दिल्ली का लड़का भारतीय क्रिकेट का गब्बर कैसे बना?
टीम इंडिया के क्रिकेटर शिखर धवन का जन्म 5 दिसंबर 1985 को दिल्ली के एक पंजाबी खत्री परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम महेंद्र पाल धवन है. उनकी मां का नाम सुनैना धवन है. उनकी एक छोटी बहन श्रेष्ठा हैं, जिनकी शादी 2017 में हुई थी.शिखर धवन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट मार्क सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दिल्ली से पूरी की. धवन का पढ़ाई से ज्यादा मन क्रिकेट में लगता था. उन्होंने प्रतिष्ठित सॉनेट क्रिकेट अकैडमी में तारक सिन्हा से क्रिकेट प्रशिक्षण प्राप्त किया. शिखर धवन ने 1999 से 2000 में विजय मर्चेंट ट्रॉफी में दिल्ली अंडर-16 टीम के साथ अपने घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. वो अगले साल विजय मर्चेंट ट्रॉफी के टॉप रन-स्कोरर रहे. धवन ने 9 पारियों में 83.88 की औसत से दो शतकों के साथ 755 रन बनाए थे. इन दो अविश्वसनीय सीज़न ने उन्हें साल 2000 में एसीसी अंडर-17 एशिया कप के लिए भारतीय टीम में जगह दिलाई. जहां तीन मैचों में 85 के औसत से रन बनाने वाले धवन को बाद में अक्टूबर 2001 में कूच बिहार ट्रॉफी के लिए और फिर अक्टूबर 2002 में दिल्ली अंडर-19 टीम में शामिल किया गया. एक से बढ़कर एक शानदार प्रदर्शन के दम पर धवन बहुत कम उम्र में ही भारतीय घरेलू क्रिकेट के स्टार बन गए. इसके बाद उन्होंने नॉर्थ zone अंडर-19, सीके नायडू ट्रॉफी, कूच बिहार ट्रॉफी के लिए खेला और यहां तक कि दिल्ली अंडर-19 टीम की कप्तानी भी की. इसके बाद धवन को बांग्लादेश में साल 2004 के अंडर-19 विश्व कप के लिए चुना गया, जहां धवन सात पारियों में तीन शतक जड़ते हुए रिकॉर्ड 505 रन बनाने के साथ टूर्नामेंट के टॉप रन-स्कोरर रहे. शिखर धवन ने नवंबर 2004 में दिल्ली के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. धवन उस रणजी सीज़न में 6 मैचों में कुल 461 रन के साथ दिल्ली के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे. अक्टूबर 2005 के चैलेंजर ट्रॉफी में, धवन ने इंडिया बी टीम के लिए खेला. हालांकि, लंबे समय में धवन के लिए वो ट्रॉफी काफी निराशाजनक रही. उसके बाद, धवन ने दिलीप ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया, जिसकी बदौलत उन्हें साल 2008 में आईपीएल खेलने का मौका मिला. 2006-07 का रणजी सीजन धवन के लिए खास था, क्योंकि उन्हें फरवरी 2007 में रणजी वन-डे ट्रॉफी के लिए दिल्ली टीम का कप्तान बनाया गया था. धवन 2007-08 का सीजन जीतने वाली विजयी दिल्ली टीम का हिस्सा थे.
भारत की राष्ट्रीय टीम में जगह मिल गई. तमाम उतार चढ़ावों के बीच धवन ने संघर्ष करना जारी रखा, जिसका परिणाम उन्हें साल 2013 में भारतीय टीम में जगह के साथ मिल गई। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 187 रन की पारी खेल अपने क्रिकेट सफ़र का सुनहरा सफ़र शुरू किया। उस दिन के बाद से धवन ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसी साल धवन को वनडे और टी20 क्रिकेट में भी मौका मिल गया। साल 2013 में हुई चैंपियंस ट्रॉफी में गब्बर के नाम सबसे ज्यादा रन रहे जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट का अवार्ड भी मिला। धवन ने उस टूर्नामेंट में 363 रन बनाए। उनके शानदार प्रदर्शन के चलते भारत ने वह आईसीसी टूर्नामेंट अपने नाम किया। उसके बाद धवन ने एशिया कप 2014, वर्ल्ड कप 2015, चैंपियंस ट्रॉफी 2017, और एशिया कप 2018 में भी भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए। फैंस को रोहित धवन की सलामी जोड़ी बहुत ही शानदार लगती थी जहां धवन शुरुआत से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर गेंदबाजों पर दबाव बनाते हैं वहीं रोहित समय लेने के बाद अपना स्वाभाविक खेल खेलते थे। लेकिन धवन के करियर का टर्निंग पॉइंट आया साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में....जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी शतकीय पारी के दौरान उनका बाएं हाथ का अंगूठा टूट गया, नतीजा यह हुआ कि धवन उस वर्ल्ड कप से बाहर हो गए। उनकी जगह केएल राहुल ने उस विश्व कप में ओपनिंग की जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद धवन की टीम में वापसी जरूर हुई लेकिन उन्हें सिर्फ तब टीम का हिस्सा बनाया जाता जब भारतीय टीम से रोहित शर्मा विराट कोहली जैसे स्टार आराम लेते। इस बीच उनके निजी जीवन में भी काफी बड़ा झटका लगा जब उनकी पत्नी से उनका तलाक हो गया और बेटे से भी वह दूर हो गए। जिसका असर उनकी बल्लेबाजी पर साफ़ दिखा। धवन का फॉर्म दिन प्रतिदिन गिर रहा था जिसके चलते वह टीम इंडिया से पूरी तरह ड्रॉप हो गए और उनकी जगह शुभमन गिल को मौका मिल गया। एक समय टीम इंडिया की शान रहने वाला गब्बर....अब भारतीय टीम से बाहर हो चुका था।
अगर धवन के आईपीएल करियर की बात करें तो उन्होंने मुंबई इंडियंस, दिल्ली कैपिटल्स, डेक्कन चार्जर्स, सनराईजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स की तरफ से आईपीएल में खेले। वह 2016 में विनिंग आईपीएल टीम सनराईजर्स हैदराबाद का भी हिस्सा थे। अगर शिखर धवन के क्रिकेट करियर की बात करें तो धवन ने 34 टेस्ट मैच में 2315 रन बनाए थे। 167 वनडे मैच में 6793 रन बनाए हैं। 68 टी20 मुकाबलों में उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उनके नाम 1759 रन बनाए हैं। जबकि आईपीएल में भी उनके नाम 222 मैच है। जहां उनके नाम 6768 रन हैं।
फैंस जरूर धवन को मिस करेंगे लेकिन हम उन्हें उनकी नई पारी के लिए गुड लक विश करेंगे। अपनी इस वीडियो का अंत हम एक बात से करना चाहेंगे कि कभी महक की तरह हम गुलों से उड़ते हैं.... कभी दुआओं की तरह हम पर्बतों से उड़ते हैं........ ये कैंचियां हमे उड़ने से क्या ख़ाक रोकेंगी.... के हम परों से नहीं बल्कि हौसलों से उड़ते हैं।
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