झारखंड के गुमला में पादरी की मौत का रहस्य गहराया, एक साल पहले मिली थी धमकी
झारखण्ड में बीते दिनों हुई एक पादरी की हत्या का मामला गहराता जा रहा है। बीते दिनों गुमला जिला के चैनपुर में सीनियर पादरी रजत एक्का की मौत हो गई थी। शुक्रवार(27अक्टूबर) को चैनपुर प्रखंड स्थित एक बागान में कुएं से रजत ली लाश को बरामद किया गया था। पुलिस ने इस मामले में संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। हत्या, आत्महत्या या हादसा- तीनों बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है।
पहले मिलम चुकी थी धमकी
दरअसल,पादरी को एक साल पहले हत्या की धमकी मिली थी और इसे लेकर गुमला जिले के डुमरी थाने में लिखित शिकायत की गई थी। फादर रजत एक्का 61 साल के थे और तीस सालों से चर्च में पदरी के के रूप में सेवा दे रहे थे। वह चैनपुर प्रखंड में स्थित 11 चर्चों के डीन (प्रमुख) के तौर पर पदस्थापित थे। उनकी मौत से ईसाई धर्मावलंबी आहत हैं। शुक्रवार को उनका शव कुएं से पाए जाने की खबर जैसे ही फैली, बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी जुट गए।
बताया गया कि गुरुवार रात फादर रजत ने अपने सहयोगी फादर पवन लकड़ा के साथ रात साढ़े आठ बजे खाना खाया। इसके बाद दोनों अपने-अपने कमरे में सोने चले गए। फादर पवन लकड़ा के मुताबिक प्रतिदिन सुबह साढ़े पांच फादर रजत चर्च में मिस्सा (पूजा) की घंटी बजाते थे, लेकिन शुक्रवार को घंटी नहीं बजी, तो उन्हें लगा कि फादर रजत कहीं गए होंगे। तब उन्होंने चर्च की मिस्सा घंटा बजाई। इसके बाद सुबह आठ बजे तक नाश्ते के लिए वह नहीं पहुंचे तो उनकी खोजबीन की गई, लेकिन उनका कहीं पता नहीं चला।
मौत पर रहस्य बरक़रार
सुबह करीब 9 बजे चर्च के बागान में काम करने गई महिला विमला तिर्की ने पादरी रजत का चप्पल और टॉर्च को कुएं के पास देखा। इसकी सूचना पाकर जब लोग कुएं के पास पहुंचे, तो पादरी की टोपी कुएं में दिखी। थोड़ी देर बाद उनकी लाश पानी के ऊपर दिखने लगी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कुएं से शव निकलवाया। पुलिस ने उनके कमरे को सील कर दिया है। उनके मोबाइल व डायरी को भी जब्त कर लिया गया है।
सवाल यह उठ रहा है कि फादर रजत जब रात में खाना खाने के बाद अपने कमरे में चले गए थे, तो वह बगान में स्थित कुएं तक कब और कैसे पहुंचे? उन्होंने खुद कुएं में कूदकर जान दी या फिर उनकी हत्या कर शव कुएं में फेंक दिया गया, इस पर रहस्य बना हुआ है।