बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़ से मचा हड़कंप, लोगों का सांस लेना हुआ मुश्किल-VIDEO
बांके बिहारी मंदिर में उमड़ी भीड़ से मचा हड़कंप
वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की इतनी अधिक संख्या में मौजूदगी है कि उनका चल पाना मुश्किल हो गया है. लोग धक्का-मुक्की कर रहे हैं और कुछ तो गिरते-पड़ते भी दिखाई दे रहे हैं. ऐसा माहौल किसी बड़े हादसे का संकेत देता है.
Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसने प्रशासन और भक्तों की चिंता बढ़ा दी है. इस वीडियो में मंदिर परिसर में अपार भीड़ देखी जा सकती है, जहां श्रद्धालु बेकाबू तरीके से एक-दूसरे पर चढ़ते हुए नजर आ रहे हैं. यह सीन भगदड़ जैसी स्थिति बनने की चेतावनी दे रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की इतनी अधिक संख्या में मौजूदगी है कि उनका चल पाना मुश्किल हो गया है. लोग धक्का-मुक्की कर रहे हैं और कुछ तो गिरते-पड़ते भी दिखाई दे रहे हैं. ऐसा माहौल किसी बड़े हादसे का संकेत देता है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वीडियो किस तारीख और समय का है, लेकिन इतना जरूर साफ है कि भीड़ पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर थी.
भीड़ के कारण होने वाले हादसे
भीड़ के कारण होने वाले हादसे कोई नई बात नहीं हैं. हाल ही में बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत के जश्न के दौरान भी इसी प्रकार की भीड़ इकट्ठा हुई थी, जहां अफरा-तफरी में कई लोगों की जान चली गई थी. बांके बिहारी मंदिर का यह सीन भी ठीक वैसी ही आशंका को जन्म दे रहा है. धार्मिक स्थलों पर बड़ी संख्या में भक्तों का जमा होना स्वाभाविक है, लेकिन यदि समय रहते जरूरी प्रबंधन नहीं किया गया तो यह एक गंभीर हादसे का कारण बन सकता है.
होनी चाहिए सख्त व्यवस्था
धार्मिक स्थलों पर भारी भीड़ को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन को मिलकर ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सके. CCTV कैमरे, लाइव मॉनिटरिंग और प्रवेश-नियंत्रण जैसी तकनीकों को अपनाया जाना चाहिए.
स्पष्ट दिशानिर्देश और सतर्कता है जरूरी
सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को चाहिए कि वे धार्मिक स्थलों के लिए स्पेशल गाइडलाइंस जारी करें, जिनमें प्रवेश की सीमा, आपातकालीन निकास मार्ग और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती जैसे बिंदु शामिल हों. इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन को भीड़ नियंत्रण के लिए स्पेशल ट्रेनिंग और संसाधनों से लैस करना अनिवार्य है.
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