नए साल पर मंदिरों और चर्चों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नए साल के जश्न में मंदिरों और चर्चों में उमड़े लोग
नए साल के आगाज के साथ ही बड़ी तादाद में श्रद्धालु मंदिरों में उमड़ पड़े। देश भर के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। चाहे वह दिल्ली हो, मुंबई हो, चेन्नई हो, अयोध्या हो, हरिद्वार हो, मथुरा हो, वाराणसी हो, अजमेर हो, तिरुपति हो या गुवाहाटी हो, लोग इस दिन को मनाने के लिए प्रतिष्ठित धार्मिक स्थलों पर उमड़ पड़े।
नए साल का जश्न मना रहा भारत
भारत ने पूरे देश में जश्न के साथ साल 2025 का स्वागत किया, क्योंकि विभिन्न शहरों में लोगों ने इस अवसर को खुशी और उत्साह के साथ मनाया। कई शहरों में पार्टियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, लाइव संगीत प्रदर्शनों और थीम आधारित सजावट के साथ नए साल का जश्न शुरू हो गया। देश भर से लोग नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में मंदिरों और चर्चों में एकत्रित हुए। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में खराब मौसम के बीच लोगों ने अपने दिन की शुरुआत कॉनॉट प्लेस के प्रसिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर में सुबह की प्रार्थना और आरती के साथ की। राजधानी के झंडेवालान मंदिर में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला।कालकाजी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े, जबकि छतरपुर मंदिर और बिड़ला मंदिर में सुबह की आरती का नजारा देखने को मिला।
मंदिरों और चर्चों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
उत्तर प्रदेश के अयोध्या से आई तस्वीरों में 2025 के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रार्थना करने पहुंचे। पवित्र शहर वाराणसी और उसके निवासियों ने अपने दिन की शुरुआत अस्सी घाट पर की गई भव्य गंगा आरती से की। मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में बड़ी संख्या में लोग इस दिन को मनाने के लिए उमड़े।
चेन्नई में मनाया नया साल
चेन्नई के सैन थोम चर्च में भी साल के पहले दिन प्रार्थना की गई। साल के पहले दिन जन्नती द्वार खुलने के बाद अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। तिरुपति में प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर और मदुरै में मीनाक्षी मंदिर में दिन की शुरुआत होते ही भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हरियाणा के पंचकूला में माता मनसा देवी मंदिर और असम के गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर में भी श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए उमड़े। उत्तराखंड के हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने 2025 के अपने पहले दिन की शुरुआत करने के लिए गंगा नदी में डुबकी लगाई।