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क्रूर तालिबान का सत्ता में एक साल पूरा : कितना बदला अफगानिस्तान, गरीबी का बढ़ा दायरा

तालिबान को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा किये हुए सोमवार को एक साल हो गया जिसके बाद देश बुनियादी रूप से पूरी तरह बदल गया है।

05:25 PM Aug 15, 2022 IST | Desk Team

तालिबान को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा किये हुए सोमवार को एक साल हो गया जिसके बाद देश बुनियादी रूप से पूरी तरह बदल गया है।

क्रूर तालिबान का सत्ता में एक साल पूरा   कितना बदला अफगानिस्तान  गरीबी का बढ़ा दायरा
तालिबान को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा किये हुए सोमवार को एक साल हो गया जिसके बाद देश बुनियादी रूप से पूरी तरह बदल गया है। इस मौके पर तालिबान लड़ाकों ने पैदल, साइकिलों और मोटर साइकिलों पर काबुल की सड़कों पर विजय परेड निकाली जिसमें कुछ ने राइफलें भी ले रखी थीं। एक छोटे समूह ने अमेरिका के पूर्व दूतावास के सामने से गुजरते हुए ‘इस्लाम जिंदाबाद’ और ‘अमेरिका मुर्दाबाद’ के नारे भी लगाए।
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तालिबान सरकार में इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकियों  का दबदबा
अफगानिस्तान में एक साल में बहुत कुछ बदल गया है। आर्थिक मंदी के हालात में लाखों और अफगान नागरिक गरीबी की ओर जाने को मजबूर हुए हैं। इस बीच तालिबान नीत सरकार में कट्टरपंथियों का दबदबा बढ़ता दिख रहा है। सरकार ने लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा तथा रोजगार के अवसर मुहैया कराये जाने पर पाबंदियां लगा दी हैं जबकि शुरुआत में देश ने इसके विपरीत वादे किये थे।
महिलाओं के लिए नरक से भी बदतर हुआ अफगानिस्तान 
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एक साल बाद भी लड़कियों को स्कूल नहीं जाने दिया जा रहा है और महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर खुद को सिर से पांव तक ढककर जाना होता है। साल भर पहले हजारों अफगान नागरिक तालिबान के शासन से बचने के लिए देश छोड़ने के लिहाज से काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे थे। अमेरिका ने 20 साल की जंग के बाद अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लिया था और ऐसे हालात बने थे।
अकेला बचा था राष्ट्रपति भवन, सुरक्षा कर्मी भाग चुके थे – पूर्व अफगानिस्तान राष्ट्रपति
इस मौके पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने देश छोड़ने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह विद्रोहियों के सामने समर्पण के अपमान से बचना चाहते थे। उन्होंने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा कि 15 अगस्त, 2021 की सुबह जब तालिबान काबुल तक पहुंच गया था तो राष्ट्रपति भवन में वही बचे थे क्योंकि उनके सारे सुरक्षाकर्मी गायब थे।
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