Coal Import में कटौती, 60,681 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई: मंत्री जी किशन रेड्डी
भारत हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि भारत ने अपने वार्षिक Coal Import में लगभग 20.91 मिलियन टन की कमी की है। जिससे देश को वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में वित्त वर्ष 2024-2025 के दौरान 60,681.67 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाने में मदद मिली है और वर्ष 2024-25 के दौरान देश में कुल 243.62 मिलियन टन कोयला आयात किया गया, वहीं वर्ष 2023-24 में 264.53 मिलियन टन का आयात किया गया था।
कोयला उत्पादन का लक्ष्य
देश में कोयले की ज़रूरते स्वदेशी उत्पादन से पूरी होती है। कोयला मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2029-30 तक लगभग 1.5 अरब टन का घरेलू कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। बता दें कि सरकार का ध्यान कोयले का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और गैर-ज़रूरी Coal Import कम करने पर है। फरवरी 2024 में कोयला लॉजिस्टिक योजना और नीति भी शुरू की गई थी। जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2029-30 तक कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी के अनुमान को ध्यान में रखना और देश में कुशल कोयला निकासी के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करना है।
कोयला उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर
Coal Import पर निर्भरता कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कोयला ब्लॉको के आवंटन को सुगम बनाया है और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया है। कोयला खनन परियोजनाओं के लिए आवश्यक प्रमाण को प्राप्त करने की प्रक्रिया को बेहतर किया है। साथ ही डिजिटलीकरण जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर सरकारी कोयला कंपनियों द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
कोयले की खपत को बढ़ावा
घरेलू कोयले की खपत को बढ़ावा देने के लिए, अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) का गठन किया गया है। आईएमसी ने अपनी कई बैठकों के माध्यम से आयातित कोयला आधारित (ICB) संयंत्रों की पहचान की है जहाँ घरेलू कोयले की आपूर्ति की जाँच की जा सकती है। इसके साथ ही सरकार कोयला निकासी के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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