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चक्रवात मैंडूस : दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी बारिश

तमिलनाडु के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार को भारी बारिश हुई।

11:17 PM Dec 10, 2022 IST | Shera Rajput

तमिलनाडु के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार को भारी बारिश हुई।

तमिलनाडु के मामल्लपुरम तट पर चक्रवाती तूफान ‘मैंडूस’ के दस्तक देने के बाद आंध्र प्रदेश के दक्षिण तटीय और रायलसीमा जिलों के कई हिस्सों में शनिवार को भारी बारिश हुई।
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आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक अन्नामया जिले में 20.5 मिमी, चित्तूर में 22 मिमी, प्रकाशम में 10.1 मिमी, एसपीएसआर नेल्लोर जिले में 23.4 मिमी, तिरुपति जिले में 2.4 मिमी और वाईएसआर कडप्पा जिले में 13.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।
विशेष मुख्य सचिव (आपदा प्रबंधन) जी साई प्रसाद ने कहा कि 708 लोगों को निचले इलाकों से निकाला गया और सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया। विज्ञप्ति में, उन्होंने कहा कि 33 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और 778 लोगों का पुनर्वास किया गया है। खाद्य सामग्री के पैकेट भी वितरित किए गए हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक चार जिलों में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के 150 और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 95 कर्मियों को तैनात किया गया, ताकि किसी भी तरह की घटना की स्थिति में उन्हें सेवा में लगाया जा सके।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे कमजोर होती गई। टीवी फुटेज में दिखा है कि तिरुपति में कुछ इलाकों में जल जमाव हो गया।
मुख्यमंत्री वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने चक्रवात के कारण बारिश के मद्देनजर संबंधित अधिकारियों के साथ एक समीक्षा की बैठक की। उन्होंने एसपीएसआर नेल्लोर, तिरुपति, चित्तूर और अन्नामया के जिलाधिकारियों से सतर्क रहने तथा जहां भी आवश्यकता हो, वहां राहत शिविर खोलने के निर्देश दिए।
रेड्डी ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि लोग उन इलाकों में बाहर न निकलें जहां भारी बारिश की संभावना है। छोटी नदियों-कांदलेरु, मानेरु और स्वर्णमुकी में अचानक बाढ़ आने की आशंका के कारण एसपीएसआर नेल्लोर और तिरुपति जिलों को सतर्क किया गया।
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