दल खालसा द्वारा 5 जून को लॉकडाउन की हिदायतों की पालना करते मनाया जाएंगा ‘घल्लूघारा मार्च’
सिख गर्म दलीय संगठन दल खालसा द्वारा जून 1984 की 36वीं वर्षगांठ पूरे होने के बावजूद सिख कौम को मिले जख्म अभी भी हरे है।
10:59 PM May 27, 2020 IST | Shera Rajput
लुधियाना-अमृतसर : सिख गर्म दलीय संगठन दल खालसा द्वारा जून 1984 की 36वीं वर्षगांठ पूरे होने के बावजूद सिख कौम को मिले जख्म अभी भी हरे है। इन शहादतों से झूझते भारतीय सेना के हाथों शहीद होने वाले सिंह-सिंहनियों को याद करने और शहादत देने के लिए सिख कौम पूरा सप्ताह मनाती आ रही है। दल खालसा भी शहादत प्रति अपने कर्तव्य को समझते हुए 1999 से निरंतर यह दिन मनाते आ रहा है। बीते दिन वर्ष 2020 में कोरोना महामारी को लेकर दल खालसा द्वारा प्रधान हरपाल सिंह चीमा की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक करके कोरोना वायरस के चलते डब्लू.एच.ओ की गाइडलाइन और सरकार के नियमों पर एतिहात मानते हुए 5 जून को ‘घल्लूघारा मार्च’ कम संख्या में संगत के साथ सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए सामाजिक दूरी बनाकर श्री अमृतसर साहिब स्थित श्री अकाल तख्त साहिब पर शहीदों के लिए अरदास होंगी।
सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक वर्ष इस अवसर पर 6 जून को होने वाले अमृतसर बंद के बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया। हालांकि दूसरी तरफ कई गर्मदलीय सिख संगठन भारतीय सरकार के खिलाफ काले झंडे और काली पंगडिय़ा पहनकर रोष प्रगट करते आएं है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कई सिख संगठन लॉकडाउन के चलते ओह-पोह की स्थिति में है। फिलहाल जिला प्रशासन और गुप्तचर एजेंसियों ने इसी मुददे पर पैनी नजर रखी हुई है।
– सुनीलराय कामरेड
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