दलबीर सिंह ढिलवां कत्लकांड का दोषी महाराष्ट्र के रेलवे स्टेशन से किया गया काबू
पंजाब के सीमावर्ती शहर बटाला के गांव ढिलवां के पूर्व सरपंच और अकाली नेता दलबीर सिंह के कत्ल केस में बटाला पुलिस ने एक दोषी शख्स अमृतपाल सिंह निवासी गांव दालम नंगल को बीती रात महाराष्ट्र के जिला परबानी के पुराना रेलवे स्टेशन से गिरफतार किया है।
03:21 PM Nov 26, 2019 IST | Shera Rajput
लुधियाना-बटाला : पंजाब के सीमावर्ती शहर बटाला के गांव ढिलवां के पूर्व सरपंच और अकाली नेता दलबीर सिंह के कत्ल केस में बटाला पुलिस ने एक दोषी शख्स अमृतपाल सिंह निवासी गांव दालम नंगल को बीती रात महाराष्ट्र के जिला परबानी के पुराना रेलवे स्टेशन से गिरफतार किया है।
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यह दोषी हूजूर साहिब (नांदेड़) को जा रहा था, इसी संबंध में जानकारी देते पुलिस जिला बटाला के प्रमुख सरदार उपिंद्र जीत सिंह घुम्मन ने बताया कि बीती 18 नवंबर को गांव ढिलवां में कुछ लोगों द्वारा पूर्व अकाली सरपंच दलबीर सिंह का तेज हथियार और गोलियों से भून डाला था, जिस उपरांत कार्यवाही करते हुए दोषियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन कोटली सूरत मल्लीं में मुकदमा न. 36 दिनांक 19.11.2019 को धारा 302, 148, 149 और भारतीय दंड संहिता 25,27-54-59 आमर्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। दोषी गिरफतारी से डरते हुए तभी से फरार चल रहे थे।
स्मरण रहे कि अकाली सरपंच दलबीर सिंह ढिलवां के कत्ल मामले में शामिल आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफतार ना करने के रोष में शिरोमणि अकाली दल बादल के सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पंजाब सरकार और पुलिस के खिलाफ मुहिम छेड़ी हुई थी और इसी संबंध में बटाला के एसएसपी कार्यालय का घेराव और धरना लगाकर पुलिस के विरूद्ध नारेबाजी जारी थी। मृतक की सुपुत्री नवनीत कौर, बेटा संदीप सिंह और अन्य सदस्यों ने पुलिस प्रशासन से मांग की थी कि दलबीर सिंह ढिलवां का कत्ल करने वालों को तुरंत गिरफतार किया जाएं, अन्यथा उनका संघर्ष जारी रहेंगा।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक 19 नवंबर को शिरोमणि अकाली दल बादल के आगु दलबीर सिंह ढिलवां की रात 9 बजे गोलियां मारकर कत्ल कर दिया गया था। उल्लेखनीय है कि दलबीर सिंह ढिलवां शिरोणि अकाली दल के अलग-अलग पदों पर जिम्मेदारियां संभालते हुए शुगर कैन के सदस्य भी तैनात रहे है और हलका डेरा बाबा नानक में शिरोमणि अकाली दल के सक्रिय आगु भी थे। घटित घटना के उपरांत समस्त इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ था।
– सुनीलराय कामरेड
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