'दलित को भी अंतरिक्ष जाने का मौका मिले', उदित राज के बेतुके बयान पर BJP ने किया पलटवार
Udit Raj: आरक्षण और जातिवाद भारतीय राजनीति की जड़ तक समाए हैं। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण की मांग उठने लगी है। हैरानी वाली ये है कि अब एक नेता ने आरक्षण अतंरिक्ष तक पहुंचा दिया है। मंगलवार को एक्सिओम -4 मिशन के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला धरती पर वापस लौटे हैं। उनकी वापसी पर कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि अंतरिक्ष में जाने वाले केवल सवर्ण जाति के हैं। दलित को भी अंतरिक्ष में जाने का मौका मिलना चाहिए। उदित राज की इस बात पर बीजेपी ने पलटवार किया है।
'कांग्रेस को ओछी राजनीति नहीं करनी चाहिए'
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदन राठौर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "एक वैज्ञानिक तो वैज्ञानिक होता है। इसमें सबको मौका मिलता है। हर कोई स्वतंत्र है। जिन्हें मौका मिलता है, उनका योग्यता के आधार पर चयन होता है। उनमें जाति का कोई महत्व नहीं होता। ऐसा नहीं होता कि अंतरिक्ष जाना हैं और चले गए।" उन्होंने आगे कहा, "अब हमने इस विषय पर कभी सोचा ही नहीं, क्यों सोचेंगे? यह कोई विषय ही नहीं है। कांग्रेस को ऐसी ओछी और निम्नस्तरीय राजनीति नहीं करनी चाहिए। समाज में किसी भी प्रकार का भेदभाव पैदा नहीं होना चाहिए।"
Jaipur, Rajasthan: On Congress leader Udit Raj's statement regarding IAF Group Captain Shubhanshu Shukla, BJP State President Madan Rathore says, "... Anyone can go to space, caste has no role in it. A scientist is a scientist, and everyone gets equal opportunity... Congress… pic.twitter.com/uhm4yt9XsP
— IANS (@ians_india) July 15, 2025
उदित राज ने अपने बयान पर क्या कहा?
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा, "हमने जो कहा उसे गलत तरीके से रखा जा रहा है। भारत में इस समय जितने भी मुख्य सचिव हैं, उनमें एक भी दलित या ओबीसी नहीं है, एक भी आदिवासी नहीं है। इसलिए अगर उनकी जगह किसी एससी, एसटी या ओबीसी को भेजा जाता, तो वह भी भारतीय होता। यह अवसर देने की बात है। शुक्ला जी को अवसर दिया गया। यह अवसर एससी, एसटी और ओबीसी को भी दिया जा सकता था। शर्मा जी (राकेश शर्मा) पहले भी एक बार जा चुके हैं।"
18 दिन बाद लौटे शुभांशु शुक्ला
भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की अपनी ऐतिहासिक 18 दिवसीय यात्रा पूरी करके पृथ्वी पर लौट आए। यह उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा थी, जो एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) का हिस्सा थी। इस दौरान उन्होंने न केवल वैज्ञानिक प्रयोग किए, बल्कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अनुभव भी जुटाए।
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