देश के सबसे बड़ा नक्सली सरेंडर, हाथ में संविधान लेकर पुलिस को सौंपे हथियार
Dandakaranya Naxal Surrender: छत्तीसगढ़ के बस्तर में शुक्रवार को नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया, जब 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें कई शीर्ष नक्सली नेता भी शामिल हैं। यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार की 'नक्सल उन्मूलन नीति' के तहत अब तक का सबसे बड़ा समर्पण कार्यक्रम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दिन को पूरे देश के लिए ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह वह क्षण है जब बड़ी संख्या में नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर संविधान और विकास के मार्ग को अपना रहे हैं।
208 Naxalites Surrender: कैसे बदला नक्सलियों का मन?

बस्तर संभाग के रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित समारोह के दौरान इन नक्सलियों ने संविधान की प्रति हाथ में लेकर हिंसा छोड़ने की शपथ ली। आत्मसमर्पण करने वालों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं। इनके पास से कुल 153 हथियार बरामद किए गए हैं, जिनमें AK-47, SLR, INSAS राइफलें, LMG, .303 राइफलें, कार्बाइन, पिस्टल और BGL लॉन्चर जैसे घातक हथियार शामिल हैं।
BGL Launcher and AK-47 Recovered: कार्यक्रम में कौन-कौन रहे मौजूद?
कार्यक्रम से पहले नक्सलियों ने एक प्रतीकात्मक परेड निकाली, जिसमें वे हाथों में संविधान लिए नजर आए। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सरकार समर्पित नक्सलियों को कौशल विकास, पुनर्वास और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी इस घटनाक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अबूझमाड़ क्षेत्र अब नक्सलवाद से मुक्त हो चुका है और उत्तर बस्तर में लाल आतंक का खात्मा हो गया है। अब केवल दक्षिण बस्तर क्षेत्र में नक्सली गतिविधियाँ शेष हैं। उन्होंने इसे बस्तर के लिए "नई सुबह" करार दिया।
Dandakaranya Naxal Surrender: अब मिलेगा रोजगार

बता दें कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अबूझमाड़ से जगदलपुर पहुंचे थे और उन्होंने पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली। अधिकारियों ने बताया कि इन्हें अब पुनर्वास योजनाओं के तहत प्रशिक्षण और रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे मुख्यधारा में लौट सकें।