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Uttarakhand के 3 जिलों में हिमस्खलन का खतरा, DGRI ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड में हिमस्खलन का खतरा, 3 जिलों के लिए अलर्ट जारी

12:10 PM Mar 07, 2025 IST | Neha Singh

उत्तराखंड में हिमस्खलन का खतरा, 3 जिलों के लिए अलर्ट जारी

uttarakhand के 3 जिलों में हिमस्खलन का खतरा  dgri ने जारी किया अलर्ट

उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। डीजीआरई ने 2950 मीटर से ऊंचे इलाकों में अलर्ट किया है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है।

उत्तराखंड के चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में अगले 24 घंटे भारी साबित हो सकते हैं। रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान (डीजीआरई) चंडीगढ़ ने 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है। इसके बाद प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सतर्क रहने की अपील की है।

पिछले सप्ताह चीन सीमा से सटे माणा क्षेत्र में बड़ा हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 54 मजदूर फंस गए थे। राहत कार्य में जुटी एजेंसियों ने तीन दिन के अभियान के बाद 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन 8 मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद प्रशासन और निर्माण एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है।

प्रशासन ने सतर्क रहने की अपील की

हिमस्खलन की चेतावनी के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। लोगों से बेवजह ऊंचाई वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी गई है। खासतौर पर पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को मौसम विभाग की अपडेट्स पर ध्यान देने और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, 8 मार्च तक उत्तराखंड के अधिकतर हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि, ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर राहत एवं बचाव टीमें तैनात की जा सकती हैं।

हिमस्खलन से हाईवे निर्माण कार्य प्रभावित

माणा में हुए हिमस्खलन के बाद हाईवे के चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य पर असर पड़ा है। यह सड़क सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है और बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) इसे 2027 तक पूरा करना चाहता था, लेकिन अब निर्माण कार्य धीमा पड़ सकता है। बीआरओ अब मजदूरों के ठहरने के लिए नई सुरक्षित जगह तलाश रहा है। बद्रीनाथ से माणा के बीच ऐसे स्थान चिह्नित किए जा रहे हैं, जहां नए कंटेनर लगाए जा सकें। फिलहाल, क्षेत्र में दो से तीन फीट बर्फ जमी हुई है, जिसके पिघलने के बाद ही काम शुरू हो सकेगा।

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Neha Singh

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