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मध्य प्रदेश पर मंडराया Monkey Pox का खतरा, नियंत्रण को लेकर एडवाइजरी जारी

08:49 AM Aug 21, 2024 IST | Yogita Tyagi

मध्य प्रदेश में मंकी पॉक्स (Monkey Pox) को लेकर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मंगलवार को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें मंकीपॉक्स के नियंत्रण और उससे बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला कलेक्टरों के अलावा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को इस बीमारी से कैसे निपटें, बचाव कैसे करें, इसको लेकर दिशानिर्देश दिया गया है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंकी पॉक्स से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि मंकी पॉक्स से बचाव के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित किया जाए और आवश्यक प्रबंध किए जाएं।

समस्त जिलों को दिशा निर्देश जारी

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इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा समस्त जिलों को दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विभाग की गाइडलाइन के अनुसार सभी संदिग्ध प्रकरणों को चिन्हित कर स्वास्थ्य सुविधाओं में अलग रखा जाएगा। उपचार करने वाले चिकित्सक जब आइसोलेशन समाप्त करने का निर्देश देंगे तब ही मरीजों को डिस्चार्ज किया जाएगा। सभी संभावित मरीज जिला सर्विलांस अधिकारी की निगरानी में रहेंगे। संभावित संक्रमण की स्थिति में मंकीपॉक्स वायरस टेस्ट के लिए प्रयोगशाला का सैंपल एनआईवी पुणे भेजे जाएंगे। साथ ही मंकीपॉक्स का पॉजिटिव केस पाए जाने पर कांटैक्ट ट्रेसिंग कर विगत 21 दिनों में रोगी के संपर्क में आए व्यक्तियों की पहचान किए जाने के निर्देश हैं।

कैसे फैलता है वायरस?



बता दें यह वायरस पशुओं से मनुष्य में और मनुष्य से मनुष्य में भी फैल सकता है। उक्त वायरस कटी-फटी त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित पशु या वन्य पशु से मानव में वायरस का संचरण काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे अथवा अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से हो सकता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मंकीपॉक्स का इनक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर सात से 14 दिनों का होता है, लेकिन यह पांच से 21 दिनों तक हो सकता है और इस अवधि के दौरान व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है। संक्रमित व्यक्ति के चकत्ते दिखने से एक से दो दिन पहले तक रोग फैला सकता है। सभी चकत्तों से जब तक पपड़ी गिर न जाए रोगी तब तक संक्रामक बना रह सकता है। इन दिनों दुनिया में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स या एमपॉक्स के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यह मां से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे को भी हो सकता है। संगठन ने रविवार को एमपॉक्स से जुड़ी कुछ जानकारियां प्रश्न-उत्तर के रूप में साझा की हैं। इनमें बताया गया है कि एमपॉक्स आम तौर पर छूने, यौन संबंध बनाने और नजदीकी संपर्क में रहने से होता है। इसके अलावा एमपॉक्स वायरस संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गये किसी वस्तु या सतह को छूने से भी स्वस्थ व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।

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