Saudi Arabia में फांसी की सजा में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी, एक दिन में इतने लोगों को मिली मौत
इस्लामिक देश Saudi Arabia में हाल के वर्षों में फांसी की सजा में बढ़ोतरी देखने को मिली है। हाल ही की एक घटना में सऊदी सरकार ने एक ही दिन में आठ लोगों को फांसी पर लटका दिया, जिनमें से अधिकतर पर नशीले पदार्थों की तस्करी का आरोप था।
Saudi Arabia की एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी क्षेत्र नजरान में चार सोमाली और तीन इथियोपियाई नागरिकों को हशीश की तस्करी के आरोप में मौत की सजा दी गई। इसके अलावा, एक सऊदी नागरिक को अपनी मां की हत्या के मामले में फांसी दी गई। इन सभी को कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा सुनाई गई थी।
मानवाधिकार संगठनों की चिंता
Saudi Arabia में ड्रग्स से जुड़े मामलों में फांसी की बढ़ती संख्या को लेकर कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन चिंता जता चुके हैं। ब्रिटेन की संस्था Reprieve और यूरोपीय सऊदी संगठन फॉर ह्यूमन राइट्स (ESOHR) ने इसे लेकर अपनी गंभीर आपत्तियाँ दर्ज की हैं।
इन संगठनों का कहना है कि नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई के नाम पर अक्सर गरीब और विदेशी नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। आरोप है कि इन लोगों को मुकदमे के दौरान पर्याप्त कानूनी सहायता, वकील या अनुवादक तक नहीं मिल पाते।
फिर से शुरू हुआ फांसी का दौर
Saudi Arabia में ड्रग्स से जुड़े अपराधों में फांसी की सजा को लेकर पहले एक अनौपचारिक रोक लगाई गई थी। लेकिन 2021 में सरकार ने इस रोक को हटा दिया। इसके बाद से इन मामलों में फांसी की संख्या में तेज़ी आई है।
2024 में अब तक 230 लोगों को फांसी
मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, 2024 में अब तक सऊदी अरब में कुल 230 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। इनमें से 154 लोग ड्रग्स से संबंधित आरोपों में दोषी पाए गए थे। अनुमान है कि यह संख्या साल के अंत तक पिछले साल के आंकड़ों को पीछे छोड़ सकती है। 2023 में कुल 345 लोगों को फांसी दी गई थी, जिनमें लगभग आधे ऐसे थे जिनका अपराध जानलेवा नहीं था।
विदेशी नागरिकों पर ज्यादा सख्ती?
Reprieve और ESOHR की रिपोर्ट बताती है कि 2010 से 2021 के बीच सऊदी सरकार ने ड्रग्स मामलों में सऊदी नागरिकों की तुलना में तीन गुना ज्यादा विदेशी नागरिकों को फांसी दी। जबकि देश की कुल आबादी में विदेशी नागरिकों की हिस्सेदारी सिर्फ 36% है। यह दर्शाता है कि सऊदी न्याय प्रणाली में विदेशी नागरिकों के प्रति कठोरता ज्यादा हो सकती है।