"डोनाल्ड का मुंह बंद कराओ या हिंदुस्तान में मैकडॉनल्ड्स को बंद कराओ": लोकसभा में बोले दीपेंद्र हुड्डा
Deepender Hooda: कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों पर सरकार की आलोचना की, जिनमें उन्होंने बार-बार कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त कराने में मध्यस्थता की थी। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान हुड्डा ने कहा, "हमारे देश के नेता ने कभी अमेरिकी राष्ट्रपति की निंदा नहीं की...डोनाल्ड (ट्रंप) को चुप कराओ, डोनाल्ड का मुंह बंद कराओ, या फिर हिंदुस्तान में मैकडॉनल्ड्स को बंद कराओ..."
Deepender Hooda: संघर्ष-विराम पर पूछा सवाल
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उन दावों पर सरकार पर निशाना साधा, जिनमें उन्होंने बार-बार कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त कराने में मध्यस्थता की थी। उन्होंने पूछा कि अगर इस्लामाबाद घुटने टेकने को तैयार है, तो "आप क्यों रुके, और आपने किसके सामने आत्मसमर्पण किया?"
#WATCH सदन में ऑपरेशन सिन्दूर पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "...डोनाल्ड (ट्रम्प) को चुप कराओ, डोनाल्ड का मुंह बंद कराओ नहीं तो हिंदुस्तान में मैकडॉनल्ड्स को बंद कराओ..." pic.twitter.com/Zsn92XvgV8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 28, 2025
गोगोई का सरकार पर हमला
लोकसभा में 'पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस में भाग लेते हुए, गोगोई ने पाकिस्तान के झुकने के बाद ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए सरकार की आलोचना की और पूछा कि उसने आगे बढ़कर पड़ोसी देश द्वारा अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए क्षेत्र को वापस क्यों नहीं लिया। गोगोई ने कहा "पूरा देश और विपक्ष, प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन कर रहे थे। अचानक, 10 मई को, हमें पता चला कि युद्धविराम हो गया है। क्यों? हम प्रधानमंत्री मोदी से जानना चाहते थे कि अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था, तो आपने क्यों रोका और किसके सामने आत्मसमर्पण किया? अमेरिकी राष्ट्रपति 26 बार कह चुके हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को युद्धविराम की घोषणा करने के लिए मजबूर किया।"

क्या बोले विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर पर सदन को संबोधित किया, जहाँ उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान किसी भी स्तर पर व्यापार का मुद्दा शामिल नहीं था। उन्होंने आगे कहा, "मैं दो बातें बिल्कुल स्पष्ट कर देना चाहता हूं। पहली, अमेरिका के साथ हमारी बातचीत के दौरान किसी भी समय व्यापार का मुद्दा मौजूदा स्थिति से जुड़ा नहीं था। दूसरी, 22 अप्रैल से - जब ट्रंप ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए फोन किया था - प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच 17 जून तक कोई बातचीत नहीं हुई, जब उन्होंने कनाडा में प्रधानमंत्री से संपर्क कर यह स्पष्ट किया कि वे क्यों नहीं मिल सके।"
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