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भारत और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों ने मिलकर दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर सी मिलर से बातचीत की एवं दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

10:04 PM Dec 15, 2020 IST | Desk Team

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर सी मिलर से बातचीत की एवं दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर सी मिलर से बातचीत की एवं दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। टेलीफोन पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत होने के बाद सिंह ने कहा कि अक्टूबर में दोनों देशों के बीच हुआ मूलभूत विनिमय एवं सहयोग समझौता (बीईसीए) रक्षा सहयोग की भावी दिशा का एक ‘सशक्त संकेत’ है। 
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उन्होंने कहा, ‘‘(मैंने) आज फोन पर अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस्टोफर सी मिलर से बातचीत की। रक्षा के क्षेत्र में भारत-अमेरिका साझेदारी पिछले दशक में रणनीतिक दृष्टि से परिपक्व हो गयी है।’’ सिंह ने कहा कि 2020 भारत-अमेरिका रक्षा संबंध में ‘ऐतिहासिक साल’ है। उन्होंने कहा, ‘‘बीईसीए करार होना क्षमता उन्नयन के लिए उच्च स्तरीय सहयोग की हमारी भावी दिशा का सशक्त संकेत है।’’ अधिकारियों ने बताया कि इस बातचीत के दौरान रणनीतिक सहयोग के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। 
जून, 2016 में अमेरिका ने भारत को ‘बड़े रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया, जिसका मकसद भारत के साथ रक्षा व्यापार एवं प्रौद्योगिकी विनिमय को बढ़ाकर उसके करीबी सहयोगियों एवं साझेदारों के स्तर तक ले जाना था। दोनों देशों ने 2016 में लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एलईएमओए) पर हस्ताक्षर किये थे, जो दोनों देशों की सेनाओं को मरम्मत और अन्य जरूरतों के लिये एक दूसरे के अड्डे के इस्तेमाल की अनुमति देता है। दोनों देशों ने 2018 में कम्युनिकेशन कम्पैटिबलिटी एंड सेक्युरिटी एग्रीमेंट (कॉमकासा) पर दस्तख्त किये थे, जो दोंनो देशों की सेनाओं का एक दूसरे के साथ विनिमय और अमेरिका से भारत को उच्च प्रौद्योगिकी की बिक्री की अनुमति देता है। 
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