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उत्तराखंड में नए साल से पहले पर्यटकों की भीड़ के मद्देनजर देहरादून प्रशासन सतर्क

उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन के लिए विशेष तैयारियां

05:46 AM Dec 24, 2024 IST | Aastha Paswan

उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन के लिए विशेष तैयारियां

उत्तराखंड में नए साल से पहले पर्यटकों की भीड़ के मद्देनजर देहरादून प्रशासन सतर्क

पूरे देश में नए साल को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। इसके लिए देशभर में तैयारियां चल रही हैं। सभी अपना साल अलग तरह से शुरू करत हैं। कुछ लोग पार्टी करते हैं तो कुछ लोग पहाड़ों में अपने नए साल की शुरुआत करत हैं। वहीं देहरादून जिला प्रशासन ने अधिकारियों को क्रिसमस, नए साल और शीतकालीन अवकाश के दौरान मसूरी में पर्यटकों की भारी आमद के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने का आदेश दिया है। यह आदेश जारी होने की तिथि से 20 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा।

उत्तराखंड में पर्यटकों के लिए कड़े इंतेजाम

उत्तराखंड में क्रिसमस, नए साल और मसूरी में शीतकालीन पर्यटन के दौरान पर्यटकों की भारी आमद के मद्देनजर कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (1) के तहत जिला प्रशासन देहरादून का आदेश। जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने मसूरी में पहली बार शीतकालीन यात्रा व्यवस्था लागू की है और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की है।

चार सप्ताह के भीतर नीति बनाने के निर्देश

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्यटन विभाग को उत्तराखंड में विवाह स्थलों को विकसित करने के लिए चार सप्ताह के भीतर नीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को पंतनगर और देहरादून हवाई अड्डों पर विमानों की रात्रि लैंडिंग की व्यवस्था में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। सचिवालय में उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की तीसरी बैठक के दौरान ये निर्देश जारी किए गए। मुख्यमंत्री ने दो नए शहरों को विकसित करने की कार्ययोजना के तेजी से क्रियान्वयन की जरूरत पर जोर दिया।

इन योजनाओं का आह्वान किया

उन्होंने गंगा और शारदा कॉरिडोर के साथ-साथ डाकपत्थर में नॉलेज सिटी के चरणबद्ध विकास का भी आह्वान किया, जिसमें सभी परियोजनाएं जून 2026 तक औपचारिक रूप से शुरू की जाएंगी। धामी ने अगले 25 वर्षों के लिए राज्य की जरूरतों के अनुरूप विभिन्न विकास योजनाओं की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2047 तक विकसित भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए राज्य को अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक योजनाओं पर काम करना चाहिए।

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