केरल में भूमि अधिग्रहण में देरी से 12,350 करोड़ की परियोजनाएं ठप: रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर राज्य में प्रमुख रेलवे परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी पर प्रकाश डाला है…
केरल में 12,350 करोड़ रुपये की रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं चल रही
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को पत्र लिखकर राज्य में प्रमुख रेलवे परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी पर प्रकाश डाला है। मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में वैष्णव ने कहा, वर्तमान में, केरल में 12,350 करोड़ रुपये की रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं चल रही हैं, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अब तक का सबसे अधिक 3,011 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है। हालांकि, केरल में अधिकांश रेलवे परियोजनाएं अपेक्षित भूमि की अनुपलब्धता के कारण ठप हैं।
उन्होंने कहा कि रेलवे ने अधिकांश स्वीकृत परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के प्रयास शुरू किए थे, लेकिन यह प्रक्रिया सफल नहीं रही। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केरल सरकार ने विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के लिए आवश्यक 470 हेक्टेयर में से केवल 64 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया है, जबकि केंद्र ने इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए 2,100 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
सरकार को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान
वैष्णव ने जोर देकर कहा, आवश्यक 470 हेक्टेयर के लिए केरल सरकार को 2,100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के बावजूद, केवल 64 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस मामले में केरल सरकार का समर्थन महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, इसके मद्देनजर, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश जारी करें ताकि ये परियोजनाएं आगे बढ़ सकें।
कुंभलम-तुरावुर दोहरीकरण और अंगमाली-सबरीमाला नई लाइन शामिल
पत्र के अनुसार, भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता वाली प्रमुख परियोजनाओं में तिरुवनंतपुरम-कन्याकुमारी दोहरीकरण, एर्नाकुलम-कुंबलम दोहरीकरण, कुंभलम-तुरावुर दोहरीकरण और अंगमाली-सबरीमाला नई लाइन शामिल हैं। अंगमाली-सबरीमाला नई रेलवे लाइन के लिए कुल 416 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है, लेकिन केरल सरकार ने अभी तक केवल 24 हेक्टेयर भूमि ही अधिग्रहित की है, जबकि केंद्र ने इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से 282 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। इसी तरह, तिरुवनंतपुरम-कन्याकुमारी दोहरीकरण परियोजना के लिए केंद्र ने 1,312 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और आवश्यक 40 हेक्टेयर में से 33 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है।