दिल्ली नहीं राम मंदिर को उड़ाना था मकसद, यूपी का ये शहर भी शामिल, स्लीपर सेल पर चौंकाने वाले खुलासे
Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. इस घटना में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। हिरासत में लिए गए आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों की हिटलिस्ट में अयोध्या का राम मंदिर और वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर भी शामिल थे।
इस धार्मिक जगहों को निशाना बनाने के लिए एक नेटवर्क तैयार किया गया था। हिरासत में लिए गए आतंकी शाहीन ने अयोध्या में स्लीपर सेल को अलर्ट कर दिया था, जो हमले की पूरी तैयारी में लगा हुआ था। हालांकि, वक्त से पहले सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इन आतंकियों को दबोच कर बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद कर लिए हैं।
Ayodhya-Kashi-Ram Mandir Target: अयोध्या-काशी को उड़ाना मकसद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते सोमवार शाम को दिल्ली के लाल किले के पास बड़ा ब्लास्ट हुआ. इस घटना में अब तक 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए, घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। इस बीच पुलिस और जांच एजेंसियां इस घटना को लेकर कई बड़े खुलासे कर रही हैं। खबर है कि दिल्ली कार ब्लास्ट आतंकियों का मेन मकसद नहीं था। जांच में यह भी सामने आई है कि ब्लास्ट में न तो टाइमर का इस्तेमाल हुआ न ही किसी अन्य तकनीकी उपकरणों का। इससे संकेत मिलता है कि यह ब्लास्ट हड़बड़ी और जल्दबाजी में हुआ, जबकि असली निशाना अयोध्या-काशी जैसे कई अन्य धार्मिक स्थल थे।
UP NEWS: अस्पताल और भीड़भाड़ वाली जगहें टारगेट पर

आतंकियों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आतंकी मॉड्यूल का उद्देश्य हॉस्पिटल्स और भीड़भाड़ वाली जगहों को टारगेट करना था। जिससे अधिक से अधिक नुकसान हो। आतंकियों की हिट लिस्ट में शामिल कई भीड़भाड वाले जगह शामिल थे, जिनमें अस्पताल सबसे ऊपर था। सुरक्षा एजेंसियों ने अब तक 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद कर लिया है, लेकिन 300 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट अभी भी गायब है और उसकी तलाश जारी है।
Delhi Blast Update: दिल्ली ब्लास्ट में अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई?

घटना के तुरंत बाद ही दिल्ली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और विस्फोटक अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। शहरी व राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रमुख रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, मेट्रो, महत्वपूर्ण भवन सभी पर अलर्ट जारी हुआ, दिल्ली को रेड जोन में रखा गया। कई राज्यों में वाहन और प्रवेश-निर्देशों पर चेक बढ़ाए गए, सीसीटीवी मॉनिटरिंग तथा संदिग्ध स्थानों पर पैट्रोलिंग सक्रिय की गई है।
पीड़ितों और मृतकों के परिवारों को मुआवजे की घोषणा की गई। मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये तक का प्रावधान है। गृहमंत्रालय ने इस घटना की जांच NIA को सौंप दी है. आज बुधवार, पीएम मोदी सीधे भूटान से लौटे और एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात कर न्याय का आश्वासन दिया।
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