4 डॉक्टरों का चक्रव्यूह! दिल्ली को कर दिया धुंआ-धुंआ, फिदायीन हमला या बड़ी आतंकी साजिश? पढ़ें लाल किला ब्लास्ट की पूरी कहानी
Delhi Car Blast Insight Story: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास हुए भीषण हमले ने पूरे देश को सदमे में डालने का काम किया है। इस घटना के कनेक्शन फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े पाए गए हैं। शाम 6 .45 मिनट पर हुए इस हमले में अब तक 12 लोगों के मरने की खबर सामने आई है। वहीं 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। अब इस घटना की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा NIA के हाथों में है। इस दौरान जांच में विभिन्न पहलू सामने आते दिखाई दे रहे हैं।
इस बीच दिल्ली पुलिस को भी घटना से जुड़े कई नए-नए सुराग मिल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में हुए कार ब्लास्ट को एक फिदायीन हमला बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि डॉ. उमर मोहम्मद ने खुद को कार में बम से उड़ा लिया। सीसीटीवी फुटेज में एक कटा हुआ हाथ मिला है, जो संभवतः उमर का बताया जा रहा है। हालांकि, डीएनए जांच से ही यह पक्का होगा कि धमाका करने वाला वास्तव में वही था या नहीं।
Delhi Car Blast Insight Story: गिरफ्तारी के डर से खुद को उड़ाया
खबरों के अनुसार, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से जुड़े तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद उमर डर गया था। उसे आशंका थी कि पुलिस जल्द ही उसे भी पकड़ लेगी। घबराहट में उसने लाल किले के पास अपनी कार में धमाका कर खुद को उड़ा लिया। माना जा रहा है कि उसने यह कदम पैनिक में उठाया, ना कि किसी बड़े मिशन के तहत।
Delhi Bomb Blast story: फरीदाबाद मॉड्यूल से कनेक्शन
इस मामले की कड़ी फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल से जुड़ी है। 10 नवंबर को फरीदाबाद में पुलिस ने 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की थी। इसमें अमोनियम नाइट्रेट, डिटोनेटर, टाइमर और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स शामिल थे।इस नेटवर्क में कश्मीर के कई डॉक्टर शामिल थे, जो एनसीआर में किराए के मकानों में विस्फोटक जमा कर रहे थे।
Red Fort Car Explosion: कार और तारिक की भूमिका
जांच में पता चला कि धमाके में इस्तेमाल हुई हुंडई i20 कार शुरू में सलमान नाम के व्यक्ति ने गुरुग्राम से खरीदी थी। बाद में यह कार कई लोगों के हाथों से होते हुए डॉ. उमर मोहम्मद के पास पहुंची। इसके अलावा, तारिक नाम के व्यक्ति (पुलवामा निवासी) पर भी शक है कि उसने उमर को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था।
धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक
फॉरेंसिक टीम के मुताबिक, धमाके में अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल (ANFO) जैसे शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था।विस्फोट ऊपरी दिशा में हुआ, इसलिए जमीन पर गड्ढा नहीं बना। यह एक हाई-इंटेंसिटी ब्लास्ट था, जो कार में रखे बम से हुआ।
चारों डॉक्टरों का चक्रव्यूह
1. डॉ. उमर मोहम्मद
फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में तैनात था।वह कुछ समय से जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से जुड़ा था। फरीदाबाद में साथियों की गिरफ्तारी के बाद उसने घबराहट में लाल किले के पास कार उड़ा दी।
2. डॉ. मुझम्मिल शकील (उर्फ मुजम्मिल शकील)
पुलवामा का रहने वाला है और अल-फलाह अस्पताल में काम करता था। उसने धौज और फतेहपुर टागा में दो मकान किराए पर लेकर विस्फोटक छिपाए थे। सूत्रों के मुताबिक, उसी ने उमर को बम और उपकरण उपलब्ध कराए।
3. डॉ. अदील अहमद राथर
अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) का निवासी है। इसने सोशल मीडिया के जरिए जैश-ए-मोहम्मद के प्रचार में भाग लिया और युवाओं को भड़काने की कोशिश की। पुलिस ने इसे सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से पकड़ा। इसके पास से हथियार और विस्फोटक मिले।
4. डॉ. शाहीन शाहिद
फरीदाबाद में रहने वाली यह डॉक्टर इसी नेटवर्क का हिस्सा बताई जा रही है। उसने अपनी कार में हथियार छिपाने में मदद की थी।
जांच की मौजूदा स्थिति
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह चारों डॉक्टर एक ही आतंकी मॉड्यूल से जुड़े थे। इनकी फंडिंग जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क से होती थी। संभावना है कि इनका बड़ा हमला करने का प्लान था, लेकिन गिरफ्तारियों के कारण योजना बीच में ही रुक गई और उमर ने हड़बड़ी में आत्मघाती हमला कर दिया।
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