Delhi: साकेत कोर्ट में कैदियों के बीच आपसी झड़प, एक की गई जान, जानें पूरा मामला
कैदियों के बीच आपसी झड़प, एक की गई जान
तिहाड़ जेल नंबर-8 से तीन कैदियों को गुरुवार को साकेत कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. तीनों कैदियों को कोर्ट के लॉकअप में एक साथ बंद किया गया था. इनमें से दो एक ही गुट के थे जबकि तीसरा, मृतक अमन, एक प्रतिद्वंद्वी गुट से संबंध रखता था. लंबे समय से दोनों गुटों के बीच आपसी रंजिश चली आ रही थी.
Delhi News: दिल्ली के साकेत कोर्ट में गुरुवार दोपहर एक सनसनीखेज घटना घटी. पेशी के लिए लाए गए तीन कैदियों के बीच अचानक हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक आरोपी अमन की हत्या कर दी गई. घटना के बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और लोग डर के मारे बाहर निकल आए.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तिहाड़ जेल नंबर-8 से तीन कैदियों को गुरुवार को साकेत कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था. तीनों कैदियों को कोर्ट के लॉकअप में एक साथ बंद किया गया था. इनमें से दो एक ही गुट के थे जबकि तीसरा, मृतक अमन, एक प्रतिद्वंद्वी गुट से संबंध रखता था. लंबे समय से दोनों गुटों के बीच आपसी रंजिश चली आ रही थी.
लॉकअप में हुई हिंसक झड़प
वहीं पेशी से पहले जब तीनों आरोपी कोर्ट के लॉकअप में बंद थे, तभी किसी बात को लेकर उनमें कहासुनी शुरू हो गई. देखते ही देखते यह बहस हिंसक झगड़े में बदल गई. दो कैदियों ने मिलकर अमन पर हमला कर दिया. बताया जा रहा है कि हमला बहुत ही बेरहमी से किया गया, जिससे अमन गंभीर रूप से घायल हो गया.
अस्पताल में इलाज के दौरान मौत
सुरक्षा कर्मियों ने स्थिति संभालते हुए घायल अमन को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस घटना के बाद कोर्ट में हड़कंप मच गया और वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई. दिल्ली पुलिस के अनुसार, दोनों गुटों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही थी, जो जेल में भी अक्सर देखने को मिलती थी. जेल से शुरू हुई यह दुश्मनी कोर्ट तक पहुंच गई, जहां एक गुट ने मौके का फायदा उठाकर अपनी पुरानी रंजिश को अंजाम दे दिया.
जांच में जुटी पुलिस
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति पर नियंत्रण पाया. मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. साथ ही अन्य दोनों कैदियों से पूछताछ की जा रही है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि लॉकअप के अंदर इस तरह की घटना को अंजाम कैसे दिया गया और सुरक्षा व्यवस्था में चूक कैसे हुई.
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कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर कोर्ट परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. कोर्ट में कैदियों के बीच इस तरह की हिंसा से यह स्पष्ट होता है कि सुरक्षा इंतजामों में कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई. यह वारदात न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैदियों की दुश्मनी जेल की चारदीवारी तक सीमित नहीं रह गई है.