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दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच सियासी खींचतान जारी है। इस दौरान पानी के बढ़े हुए बिलों को लेकर सरकार की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने LG की 7 पन्नों की खुली चिट्ठी का जवाब 7 पन्नों की खुली चिट्ठी से दिया। अरविंद केजरीवाल ने लिखा "आपकी चिट्ठी की भाषा पढ़ कर मुझे बहुत दुख हुआ. संवैधानिक पद पर बैठे एक व्यक्ति की तरफ से दूसरे व्यक्ति के लिए ऐसी अपमानजनक भाषा स्वीकार्य नहीं है."
इसके साथ ही सीएम केजरीवाल ने आगे लिखा कि आप कह रहे हैं पानी के बिल से जुड़ा कैबिनेट नोट आपकी जानकारी में नहीं आया। जबकि एक से ज्यादा बार खुद मैंने आपके साथ इस मामले पर चर्चा की है और आपके संज्ञान में लाया है कि दिल्ली जल बोर्ड शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग कैबिनेट में प्रस्ताव न लाकर संवैधानिक संकट खड़ा कर रहे हैं।
सीएम केजरीवाल ने लिखा "सितंबर 2023 से लेकर फरवरी 2024 तक अस्पतालों में ओपीडी काउंटर पर से स्टाफ भी हटा दिया गया था। दिल्ली में जगह-जगह पर सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं क्योंकि सात महीने से दिल्ली जल बोर्ड को पैसा जारी नहीं किया गया। DTC के पेंशन धारकों को में से दिसंबर तक पेंशन नहीं मिली क्योंकि वित्त विभाग ने फंड रोक दिए। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में तैनात बस मार्शल हटा दिए गए।
मुख्यमंत्री ने लिखा कि मैं उम्मीद करता हूं कि ऐसा नहीं है इसलिए आपसे एक बार फिर निवेदन करता हूं की कम से कम एक अफसर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके नजीर पेश करें जिससे पूरे प्रशासनिक मशीनरी में व्यवस्था बने। इससे यह संदेश जाएगा कि मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल दिल्ली के लोगों के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।