'50 रुपये का पास बनवाकर सफर कर सकेंगे DU के छात्र', दिल्ली में यू-स्पेशल बस सेवा फिर शुरू
Delhi CM Rekha Gupta: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के छात्रों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। लंबे समय से बंद पड़ी यू-स्पेशल बस सेवा को फिर से शुरू कर दिया गया है। इस सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री डॉ. पंकज सिंह ने DU कैंपस से हरी झंडी दिखाकर की। अब छात्र केवल 50 रुपए में बस पास बनवाकर इन बसों में सफर कर सकेंगे। ये बसें खासतौर पर छात्रों की सहूलियत के लिए चलाई जा रही हैं।
Delhi CM Rekha Gupta: पहले चरण में 25 रूट और 50 बसें
डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) के अनुसार, पहले चरण में कुल 25 रूटों पर 50 बसें चलाई जाएंगी। इन रूटों को इस तरह से तैयार किया गया है कि नॉर्थ और साउथ कैंपस को आपस में जोड़ा जा सके। इसके अलावा दिल्ली यूनिवर्सिटी से जुड़े 67 कॉलेजों, नजदीकी मेट्रो स्टेशनों और दूसरे प्रमुख इलाकों को भी इस सेवा से जोड़ा जाएगा। इससे छात्रों को घर से यूनिवर्सिटी आने-जाने में काफी सुविधा मिलेगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का बयान
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मौके पर कहा, "यू-स्पेशल बस सेवा जो काफी समय से बंद थी, उसे अब फिर से शुरू किया गया है। न तो आम आदमी पार्टी और न ही कांग्रेस की सरकारों ने इस पर ध्यान दिया। मुझे खुशी है कि बीजेपी सरकार ने अपने छोटे कार्यकाल में ही इस सेवा को फिर से शुरू किया। यह कदम न केवल विश्वविद्यालय में फिर से रौनक लाएगा, बल्कि दिल्ली में स्वच्छ परिवहन को भी बढ़ावा देगा। मैं सभी छात्रों को इस सेवा का उपयोग करने की बधाई देती हूं।"
Delhi CM Rekha Gupta
University Special Electric Bus: प्रस्तावित रूटों की जानकारी
इन बसों को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से यूनिवर्सिटी कैंपस तक चलाया जाएगा। कुछ प्रमुख रूट इस प्रकार हैं:
- नरेला से पटेल चौक
- पश्चिम विहार से किरोड़ीमल कॉलेज
- ओखला से खालसा कॉलेज
- वसुंधरा एंक्लेव से अमर कॉलोनी कैंपस
- मुकरबा चौक से हिंदू कॉलेज होते हुए खालसा कॉलेज
- बदरपुर बॉर्डर से श्री अरविंदो कॉलेज
- नरेला से इंद्रप्रस्थ कॉलेज
- बवाना से खालसा कॉलेज
- द्वारका सेक्टर-21 से मुनिरका होते हुए आईआईटी दिल्ली
DU Student Free Bus: छात्रों के लिए बड़ा फायदा
इस बस सेवा के शुरू होने से अब छात्रों को मेट्रो और अन्य महंगे साधनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सिर्फ 50 में मासिक पास मिलने से उनकी जेब पर भी बोझ नहीं पड़ेगा। साथ ही इससे सड़क पर निजी वाहनों की संख्या कम होगी और पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा।
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