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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा, AAP के साथ गठबंधन का किया विरोध

02:39 PM Apr 28, 2024 IST | Jivesh Mishra
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा  aap के साथ गठबंधन का किया विरोध

Arvinder Singh Lovely Resigns: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और इसकी एक वजह आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन को बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने गठबंधन को स्वीकृति दे दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को शनिवार को भेजे इस्तीफा पत्र में लवली ने यह भी कहा कि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी दीपक बाबरिया ने ‘‘एकतरफा वीटो’’ कर दिया।

 Highlights:

  • दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने दिया इस्तीफा
  • AAP के साथ गठबंधन का किया विरोध
  • ‘भारी मन से मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं लाचार महसूस कर रहा हूं’

‘भारी मन से मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं लाचार महसूस कर रहा हूं’

लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ विवाद के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। खरगे को लिखे पत्र में लवली ने कहा, ‘‘भारी मन से मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं कि मैं लाचार महसूस कर रहा हूं और दिल्ली पार्टी इकाई का अध्यक्ष बने रहने में असमर्थ हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कांग्रेस पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं की मदद करने के एकमात्र उद्देश्य से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष की भूमिका को कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार किया था, जिनके साथ मेरा बेहद करीबी और जीवन भर का जुड़ाव रहा है।’’

‘मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकता हूं’

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के हितों की रक्षा नहीं कर सकता हूं तो मुझे इस पद पर बने रहने की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। अत: अत्यंत खेद और भारी मन से मैं अरविंदर सिंह लवली डीपीसीसी अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देता हूं।’’ शीला दीक्षित की सरकार में मंत्री रहे लवली को पिछले साल अगस्त में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था।

कांग्रेस की दिल्ली इकाई ‘आप’ के साथ गठबंधन के खिलाफ थी- लवली

लवली ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई ‘आप’ के साथ गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन फिर भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया और यह सुनिश्चित किया कि पूरी इकाई ‘‘आलाकमान के आदेश का पालन करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली कांग्रेस इकाई ऐसी पार्टी के साथ गठबंधन के खिलाफ थी जो कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठे, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर बनी...पार्टी के आधे कैबिनेट मंत्री अभी भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में हैं।’’

दिल्ली में ‘आप’ से गठबंधन करने का फैसला लिया- लवली

उन्होंने कहा, ‘‘इसके बावजूद, पार्टी (कांग्रेस) ने दिल्ली में ‘आप’ से गठबंधन करने का फैसला लिया। हमने पार्टी के निर्णय का सम्मान किया.. मैं सुभाष चोपड़ा और संदीप दीक्षित के साथ केजरीवाल की गिरफ्तारी वाली रात को उनके आवास पर भी गया जबकि यह इस मामले में मेरे पद के खिलाफ था।’’ लवली ने धन शोधन के आरोपों में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ करने के लिए उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर-पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार भी पार्टी के रुख और स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं के विचारों के विपरीत दिल्ली के मुख्यमंत्री की झूठी प्रशंसा करते हुए मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं।’’

वह पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थ हैं

लवली ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवार इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि दिल्ली में ‘आप’ शासन के तहत स्कूलों, अस्पताल और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की स्थिति शीला दीक्षित जी की कांग्रेस सरकार में हुए विकास कार्यों की तुलना में बहुत खराब हो गयी है।’’ लवली ने यह भी कहा कि वह पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहने में असमर्थ हैं क्योंकि ‘‘दिल्ली के वरिष्ठ कांग्रेस नेता द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों को एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने एकतरफा तरीके से रद्द कर दिया।’’

‘परिणामस्वरूप, दिल्ली में 150 से अधिक मंडलों में कोई अध्यक्ष नहीं है’

उन्होंने कहा, ‘‘डीपीसीसी अध्यक्ष के रूप में मेरी नियुक्ति के बाद से, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने मुझे डीपीसीसी में वरिष्ठ पद पर नियुक्ति करने की अनुमति नहीं दी है। डीपीसीसी के मीडिया प्रमुख के तौर पर एक वरिष्ठ नेता की नियुक्ति के मेरे अनुरोध को सिरे से नकार दिया गया। अभी तक, एआईसीसी महासचिव (दिल्ली प्रभारी) ने डीपीसीसी को शहर में सभी मंडल अध्यक्षों को नियुक्त करने की अनुमति नहीं दी है। परिणामस्वरूप, दिल्ली में 150 से अधिक मंडलों में कोई अध्यक्ष नहीं है।’’ लवली 1998 में गांधी नगर से विधायक के रूप में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में कांग्रेस सरकार में परिवहन, शिक्षा, शहरी विकास और राजस्व मंत्री भी रहे। कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के गौतम गंभीर और ‘आप’ की आतिशी के खिलाफ लवली को उम्मीदवार बनाया था।

 

 

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