दिल्ली अदालत ने अवैध फोन टैपिंग मामले में गहलोत के पूर्व ओएसडी को सशर्त क्षमादान दिया
गहलोत के पूर्व ओएसडी को अवैध फोन टैपिंग मामले में सशर्त माफी
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अवैध फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा को सशर्त क्षमादान दिया है। शर्मा को यह क्षमादान तब दिया गया जब वह सरकारी गवाह बनने के लिए सहमत हो गए। अदालत ने यह निर्णय इस शर्त पर लिया कि शर्मा मामले से संबंधित सभी परिस्थितियों का सत्यपूर्ण खुलासा करेंगे, जिसमें विभिन्न व्यक्तियों की संलिप्तता और अपराध करने में उनकी अपनी भूमिका शामिल है।
पटियाला हाउस कोर्ट के सीजेएम अनुज कुमार सिंह ने सोमवार को आरोपी/आवेदक लोकेश शर्मा को धारा 409/120बी आईपीसी, धारा 26 भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, धारा 72/72ए आईटी एक्ट 2000 के तहत अपराध करने के लिए एफआईआर संख्या 50/2021 पीएस क्राइम ब्रांच मामले में इस शर्त पर क्षमादान दिया कि वह अपराध से संबंधित अपनी जानकारी में आने वाली सभी परिस्थितियों और इसमें शामिल हर अन्य व्यक्ति, चाहे वह मुख्य व्यक्ति हो या उकसाने वाला, सहित अपराध करने में उसकी भूमिका का पूरा और सच्चा खुलासा करेगा।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अशोक गहलोत के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग का मामला दर्ज कराया था, जिसमें उन पर अवैध रूप से उनके फोन पर बातचीत को इंटरसेप्ट करने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में 25 मार्च, 2021 को एफआईआर दर्ज की गई थी।