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दिल्ली डिप्टी सीएम ने उनके खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किये जाने का किया दावा, CBI का इससे इनकार

आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।

10:48 PM Aug 21, 2022 IST | Shera Rajput

आबकारी नीति भ्रष्टाचार मामले को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।

दिल्ली डिप्टी सीएम ने उनके खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किये जाने का किया दावा  cbi का इससे इनकार
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आबकारी नीति ‘ भ्रष्टाचार’ मामले को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। हालांकि, अधिकारियों ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा है कि केवल आठ ‘निजी’ लोगों के खिलाफ ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया, जिनके नाम प्राथमिकी में हैं।
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इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार का मखौल उड़ाते हुए कहा कि वह महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय हर सुबह ‘‘सीबीआई-ईडी (प्रवर्तन निदेशालय)’’ का खेल खेलती है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह घबराए हुए हैं, क्योंकि घोटाले की जड़ें उनके दरवाजे तक जाती है।
कांग्रेस ने सिसोदिया के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि मुद्दा आबकारी नीति का है और आप को शिक्षा नीति की बहस की आड़ में ‘‘इसे छिपाने’’ का प्रयास रोकना चाहिए।
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सिसोदिया ने रविवार को दावा किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उनके खिलाफ ‘लुकआउट नोटिस’ जारी किया है। उन्होंने इस कदम को एक ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को उनके आवास पर छापे के दौरान ‘कुछ भी नहीं’ मिला। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में ‘खुलेआम घूम रहे हैं’ और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या वह उन्हें नहीं ढूंढ़ पा रहे हैं।
सिसोदिया आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद 15 लोगों में शामिल हैं।
हालांकि, सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने अभी तक सिसोदिया और आबकारी विभाग के तीन पूर्व अधिकारियों सहित सहित चार लोक सेवकों के खिलाफ कोई लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया है।
उन्होंने बताया कि सीबीआई ने प्राथमिकी में नामजद आठ ‘निजी’ लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। एजेंसी ने कहा कि उसे फिलहाल लोक सेवकों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई, क्योंकि वे सरकार को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकते हैं।
सिसोदिया ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि केंद्र, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई भेजकर रोकने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि वह राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर उभर रहे हैं।
आप नेता ने कहा कि वह किसी भी जांच से भयभीत नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा घोटाले के लगाए जा रहे आरोप ‘‘शगूफा’’ हैं।
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितता के सिलसिले में सीबीआई द्वारा मनीष सिसोदिया के आवास सहित 31 ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद भाजपा और ‘आप’ ताबड़तोड़ संवाददाता सम्मेलन कर और ट्वीट के जरिये एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं।
‘आप’ के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने दिन की शुरुआत मीडिया को मनीष सिसोदिया को लुकआउट नोटिस जारी करने और यह खबर सभी अखबारों और टेलीविजन चैनलों से साझा करने के साथ की। यह बहुत ही गंभीर मामला है।’’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों से निपटने के बजाय ‘‘पूरे देश से लड़ रहा है।’’
केजरीवाल ने कहा कि प्रत्येक सुबह केंद्र ‘‘सीबीआई-ईडी’’ का खेल करता है।
आप ने शनिवार को दावा किया था कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सीधा मुकाबला होगा। इसपर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हर कोई जानता है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा चुनावों में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि जनता आप को जवाब देगी।
उन्होंने रविवार को कहा, ‘‘ अरविंद केजरीवाल जी, आपसे कोई नहीं डरता। जैसे-जैसे भ्रष्टाचार की गांठें खुल रही हैं, वैसे-वैसे हथकड़ी आपके नजदीक आ रही है। सभी जानते हैं कि आप कितना घबराएं हुए हैं।’’
भाटिया ने आरोप लगाया कि जब कोविड-19 प्रभावित लोगों को मदद की जरूरत थी, तब केजरीवाल भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने इस बीच दिल्ली की अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति के विवाद में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव को खींचते हुए दावा किया कि उनके परिवार के सदस्य नीति बनाने के लिए पंच सितारा होटल में हुई बैठक में शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के परिवार के सदस्यों ने दिल्ली आबकारी नीति बनाने के लिए एक होटल में आयोजित बैठकों में भाग लिया था। केसीआर के परिवार ने पंजाब में इसी प्रकार की नीति लागू कराई। उन्होंने (दिल्ली के उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया और (मुख्यमंत्री) अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर दिल्ली के लिए एक योजना बनाई।’’
वर्मा के आरोपों पर राव की तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी की ओर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 17 नवंबर, 2021 से लागू आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित प्रक्रियात्मक चूक और नियमों के उल्लंघन की जांच की पिछले महीने सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने सिसोदिया के आ‍वास सहित अन्य ठिकानों पर छापे मारे थे।
सक्सेना द्वारा जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी।
सीबीआई ने शनिवार से आरोपियों से पूछताछ शुरू की। एजेंसी ने कहा कि वह छापेमारी के दौरान जब्त दस्तावेजों और सबूतों की जांच कर रही है एक अन्य आरोपियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
सीबीआई ने प्राथमिकी में नौ निजी लोगों को नामजद किया है जिनमें मनोरंजन एवं इवेंट कंपनी ‘वनली मच लाउडर’ के पूर्व कार्यकारी अधिकारी एवं कारोबारी विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मी मनोज राय, ब्रिंडको स्प्रिट्स के मालिक अमनदीप ढल, इंडोस्प्रिट के प्रबंधन निदेशक समीर महेंद्रू और हैदराबाद निवासी अरुण रामचंद्र पिल्लई शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि मनोज राय के खिलाफ अबतक लुकआउट नोटिस जारी नहीं किया गया है।
सिसोदिया के तीन ‘‘ करीबी सहयोगियों’’ गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा,दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी सीबीआई ने प्राथमिकी में बतौर आरोपी नामजद किया है।
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