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Delhi Excise Policy Case: सीबीआई ने कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत अर्जी का किया विरोध

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अगर उसे रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़-छाड़ कर सकता है।

07:00 PM Nov 04, 2022 IST | Desk Team

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अगर उसे रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़-छाड़ कर सकता है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार हैदराबाद के कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि अगर उसे रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़-छाड़ कर सकता है।सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश एम.के.नागपाल के समक्ष बोइनपल्ली की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए यह तर्क दिया।
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एजेंसी ने अदालत से कहा कि मामले की जांच महत्वपूर्ण मुकाम पर है और आरोपी जो प्रभावशाली व्यक्ति है, जमानत मिलने पर गवाहों को धमका सकता है या न्याय प्रक्रिया से बचने के लिए फरार हो सकता है।सीबीआई के रुख का विरोध करते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोपी से अब पूछताछ की जरूरत नहीं बची है।दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई नौ नंवबर को तय की।
पिछले महीने किया था गिरफ्तार
उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों की कथित लॉबिंग करने के आरोप में बोइनपल्ली को पिछले महीने गिरफ्तार किया था।इससे पहले सीबीआई ने अदालत को बताया था कि बोइनपल्ली को गवाहों के बयान, बैंक खातों की जानकारी जिसमें खुलासा हुआ था कि उसने आबकारी नीति बनाने और उसके प्रावधानों से लाभ लेने के लिए दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद में अन्य आरोपियों व शराब कारोबारियों के साथ बैठक की जिसके आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है।केंद्रीय एजेंसी ने बताया कि बोइनपल्ली साजिश का हिस्सा था और उसने अब वापस ली चुकी आबकारी नीति को लागू करने से करने सह आयोपियों विजय नायर व दिनेश अरोड़ा को हवाला के जरिये रुपये भेजे। दिल्ली की यह विवादित आबकारी नीति नवंबर 2021 से जुलाई 2022 तक लागू रही।

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