Delhi: जज के बंगले में लगी आग, फायर ब्रिगेड को मिला कैश का भण्डार
जज के बंगले में आग बुझाने के दौरान फायर ब्रिगेड को मिली बड़ी नकदी
दिल्ली में हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगने पर फायर ब्रिगेड को भारी मात्रा में कैश मिला। इस घटना की जानकारी मिलते ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने उन्हें तुरंत अलाहबाद हाई कोर्ट में भेजने का निर्णय लिया। कॉलेजियम की आपातकालीन बैठक में उनके खिलाफ इन-हाउस जांच की भी सिफारिश की गई।
हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी। आग को बुझाने के लिए दमलक विभाग की टीम पहुंची तो उन्हें कैश का भण्डार मिला। भारी मात्रा में कैश देखने के बाद यह खबर भी आग की तरह फैल गई। इसकी खबर जब चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया यानी संजीव खन्ना को मिली तो उन्होंने यशवंत वर्मा को दोबारा से अलाहबाद के हाई कोर्ट में भेज दिया।
जब यशवंत वर्मा के बंगले में आग लगी थी तब वह शहर से बहार थे। आग को देखकर उनके परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को बुलाया था। आग बुझने के बाद दमकल कर्मियों को उनके बंगले के कमरों में भारी मात्रा में कैश मिला, जिसे देख कर वह हक्के बक्के रह गए। इसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने कॉलेजियम बैठक बिठाई, जिसमे सबसे पहले उन्हें अलाहबाद वापिस भजने की शिफारिश की गयी।
बंगले में भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद कॉलेजियम की एक आपातकालीन बैठक हुई, जिसका सबसे पहला परिणाम उनको अलाहबाद वापिस भजने का तय किया गया, बताया जा रहा है कि यह मीटिंग गुरुवार को हो गयी थी। इन-हाउस जांच का विचार किया जा रहा है। अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। बता दें कि यशवंत वर्मा का ट्रांसफर 2021 में अलाहबाद से दिल्ली कर दिया गया था। कॉलेजियम में उपस्थित सभी सदस्यों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अगर यशवंत वर्मा को सिर्फ ट्रांसफर किया गया तो इससे दिल्ली न्यायपालिका की छवि पर गलत प्रभाव पड़ेगा।
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उन्होंने कहा कि इससे लोगों का विश्वास न्यायपालिका पर कम हो जाएगा और साथ में उन्होंने यह भी बोला कि हमें जस्टिस यशवंत से उनका इस्तीफा माँगना चाहिए और उन्हें संसद से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर देनी चाहिए। बता दें कि संविधान के मुताबिक यदि कोई सुप्रीम या हाई कोर्ट का जज भ्रष्टाचार करता है तो 1999 में उसके लिए इन-हाउस की प्रक्रिया शुरू की गई थी।