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गरीब बच्चों को दाखिला न देने पर दिल्ली सरकार ने रद्द की प्राइवेट स्कूल की मान्यता

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ‘जेडी टाइटलर’ की मान्यता वापस ले ली है। इसके बाद अब जेडी टाइटलर स्कूल को वर्ष 2022-23 के लिए छात्रों के दाखिले लेने की अनुमति नहीं है।

03:20 AM Aug 27, 2022 IST | Shera Rajput

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ‘जेडी टाइटलर’ की मान्यता वापस ले ली है। इसके बाद अब जेडी टाइटलर स्कूल को वर्ष 2022-23 के लिए छात्रों के दाखिले लेने की अनुमति नहीं है।

दिल्ली सरकार ने दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल ‘जेडी टाइटलर’ की मान्यता वापस ले ली है। इसके बाद अब जेडी टाइटलर स्कूल को वर्ष 2022-23 के लिए छात्रों के दाखिले लेने की अनुमति नहीं है। हालांकि स्कूल को संचालन जारी रखने तक वेतन का भुगतान करते रहने को कहा गया है। यह फैसला अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण समिति की सिफारिशों पर लिया गया है।
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समिति के अध्यक्ष विशेष रवि के मुताबिक इस स्कूल ने आर्थिक रूप से पिछड़े (ईडब्ल्यूएस) कोटे के कुछ छात्रों को दाखिल नहीं दिया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है। प्राइवेट स्कूलों के लिए बनाए गए नए नियमों में दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया है दिल्ली में प्राइवेट स्कूल अब पेरेंट्स को महंगी किताबें और स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर पाएंगे। स्कूल किसी खास विक्रेता से स्कूल ड्रेस व किताबें खरीदने को बाध्य भी नहीं कर सकेंगे। साथ ही दिल्ली का कोई भी प्राइवेट स्कूल कम से कम 3 साल तक स्कूल ड्रेस के रंग, डिजाइन व अन्य स्पेसिफिकेशन को नहीं बदलेगा। शिक्षा निदेशालय ने इसके मद्देनजर सभी स्कूलों को आदेश जारी किया है। ऊंचे दामों पर जबरन यूनिफार्म और किताबें बेचने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इस दिशा में शिक्षा निदेशालय ने पहले ही अपना आदेश जारी कर चुका है। शिक्षा निदेशालय का कहना है कोई भी निजी स्कूल अब पेरेंट्स को खुद से या किसी विशिष्ट विक्रेता से किताबें, स्टडी मटेरियल और स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा और ऐसा करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल अपनी वेबसाइट पर स्कूल के नजदीक के कम से कम 5 दुकानों का पता और टेलीफोन नंबर भी प्रदर्शित करेगा जहां से पेरेंट्स किताबें और स्कूल ड्रेस खरीद सकेंगे। साथ ही स्कूल पेरेंट्स को किसी भी विशिष्ट विक्रेता से इन चीजों को खरीदने के लिए मजबूर नहीं करेगी।
वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने देशभर के अलग-अलग स्थानों से चलाए जा रहे 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित कर दिया है। यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी करते हुए बताया कि फर्जी घोषित किए गए यह सभी विश्वविद्यालय छात्रों को डिग्री प्रदान नहीं कर सकते हैं। यूजीसी के मुताबिक खास बात यह है कि फर्जी घोषित किए गए विश्वविद्यालयों में सबसे अधिक विश्वविद्यालय देश की राजधानी दिल्ली में ही है दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक फर्जी विश्वविद्यालय पाए गए हैं।
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