दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर सख्ती दिखाई, कमेटी का किया गठन
सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराने के आदेश दिये
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर सख्ती दिखाते हुए सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराने के आदेश दिए हैं। इसके लिए एसडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटियां गठित की गई हैं। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि सभी स्कूलों को 1973 के एक्ट के नियमों का पालन करना होगा और पिछले 10 सालों की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
दिल्ली सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की ओर से मनमानी फीस वृद्धि पर सख्ती दिखाते हुए कहा कदम उठाया है। सरकार ने राजधानी के, सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट कराने के आदेश दिये है। इसके लिए एसडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटियां गठित कर दी गई हैं, जिनमें तहसीलदार और अकाउंट विभाग के अधिकारी थी शामिल रहेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को एक कॉन्फ्रैंस करके कहा कि हर प्राइवेट स्कूल को 1973 के एक्ट के नियम कानूनां का पालन करना ही होगा।
10 सालों की ऑडिट रिपोर्ट
दिल्ली में शिक्षा मंत्री आशीष सूद न कहा कि दिल्ली के 1677 प्राइवेट स्कलों में से 335 स्कूल सरकारी जमीन पर बने हैं। ऐसे स्कूलों के लिए फीस वृद्धि से पहले राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है। वहीं 114 स्कूल हैं, जिन्हें अनमति की बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब सभी स्कूलों से पिछले 10 सालों की ऑडिट रिपोर्ट मंगवाई जा रही है और इसे दिल्ली शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक भी किया जाएगा।
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डीपीएस द्वारका स्कूल की जांच
डीएभ कापसहेड़ा के नेतृत्व में डीपीएस द्वारका स्कूल की जांच चल रही है। बता दें कि डीपीएस द्वारका में साल दर साल स्कूल फीस बढ़ी थी। डीपीएस द्वरका में लगातार पांच साल स्कूल फीस बढी है। हम अगले 10 दिन के अंदर दिल्ली की जनता को यह बताएंगे कि किस-किस स्कूल ने पिछले सालों में कितनी फीस बढ़ाई है। इस सारे डाटा को हम एजुकेशन विभाग की साइट पर भी डाल देंगे ताकि लोग इसको देख सके कि कैसे झूठ फैलाया जा रहा है कि हमारी सरकार ने फीस नहीं बढने दी। लेकिन फिर भी फीस बढ़ाईं जाती रही है।
प्रतिवर्ष ऑडिट करवाना जरूरी
आशीष सूद ने कहा कि पिछली सरकार के 10 सालों के शासनकाल में दिल्ली के 1677 प्राइवेट स्कूलों में सिफ 75 स्कूलों का हो हर साल ऑडट किया गया। जबकि दिल्ली एजुकेशन एक्ट के तहत सभी स्कूलों का प्रतिवर्ष ऑडिट करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह का व्यवसायीकरण बर्दाशत नहीं करेंगे। हम सभी प्राइवेट स्कूलों में भी जाकर जांच कर रहे हैं। एसडीएम की जांच रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्रवाई करेंगे।