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दिल्ली हाई कोर्ट ने बच्चों की सहायता नहीं करने पर आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना की

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिव्यांगता कानून के तहत दो दिव्यांग बच्चों की सहायता नहीं करने पर दिल्ली सरकार की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दो साल पहले आश्वासन दिया था कि सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

04:15 PM Sep 11, 2022 IST | Desk Team

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिव्यांगता कानून के तहत दो दिव्यांग बच्चों की सहायता नहीं करने पर दिल्ली सरकार की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दो साल पहले आश्वासन दिया था कि सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिव्यांगता कानून के तहत दो दिव्यांग बच्चों की सहायता नहीं करने पर दिल्ली सरकार की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। न्यायमूर्ति गौरांग कांत ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दो साल पहले आश्वासन दिया था कि सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित बच्चों के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। अदालत ने कहा कि इसके बावजूद बच्चों की सहायता नहीं की गई और न ही उनके मामले पर सकारात्मक रुख अपनाया गया।
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अदालत ने आठ सितंबर को जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त निदेशक (सीपीयू) द्वारा दायर हलफनामे से पता चलता है कि दिल्ली राज्य में बच्चों की हालत दुर्भाग्यपूर्ण है। याचिकाकर्ता संख्या एक और दो को सहायता उपलब्ध कराने के बाबत अदालत की चिंता को दूर करने के लिए हलफनामा दायर किया गया। इसने कहा, ‘‘एक तरफ प्रतिवादी संख्या पांच (दिल्ली सरकार) अदालत को आश्वासन दे रहा है कि दिल्ली राज्य में बच्चों के हित के लिए यथासंभव कदम उठाए जाएंगे लेकिन ढाई साल के बाद भी दिल्ली सरकार एक राज्य के तौर पर अपने दायित्व निर्वहन में विफल रही है। न्यायमूर्ति कांत ने कहा कि राज्य सरकार का आचरण अवमानना करने जैसा है और वह अवमानना नोटिस जारी कर सकते हैं लेकिन इसकी बजाय उचित कार्रवाई करने का मौका दिया जाता है।
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